एक तो इस मंदिर को बाहर से एक गिलाफ से पूरी तरह ढककर रखा जाता है ही(बालू की आँधी से बचाने के लिए) दूसरा अंदर में भी पर्दा लगा दिया गया है। मुसलमान में पर्दा प्रथा किस हद तक हावी है ये देख लिजिए।औरतों को तो पर्दे में रखते ही हैं, एकमात्र प्रमुख और विशाल मस्जिद को भी पर्दे में रखते हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर ये मस्जिद मंदिर के रुप में इस जगह पर होता जहाँ हिंदु पूजा करते तो उसे इस तरह से काले-बुर्के में ढक कर रखा जाता रेत की आँधी से बचाने के लिए..!! अंदर के दीवार तो ढके हैं ही उपर छत भी कीमती वस्त्रों से ढके हुए हैं। स्पष्ट है सारे गलत कार्य पर्दे के आढ़ में ही होते हैं क्योंकि खुले में नहीं हो सकते। अब इनके डरने की सीमा देखिए कि काबा के ३५ मील के घेरे में गैर-मुसलमान को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है,हरेक हज यात्री को ये सौगन्ध दिलवाई जाती है कि वो हज यात्रा में देखी गई बातों का किसी से उल्लेख नहीं करेगा। वैसे तो सारे यात्रियों को चारदीवारी के बाहर से ही शिवलिंग को छूना तथा चूमना पड़ता है पर अगर किसी कारणवश कुछ गिने-चुने मुसलमानों को अंदर जाने की अनुमति मिल भी जाती है तो उसे सौगन्ध दिलवाई जाती है कि अंदर वो जो कुछ भी देखेंगे उसकी जानकारी अन्य को नहीं देंगे। कुछ लोग जो जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से किसी प्रकार अंदर चले गए हैं,उनके अनुसार काबा के प्रवेश-द्वार पर काँच का एक भव्य द्वीपसमूह लगा है जिसके उपर भगवत गीता के श्लोक अंकित हैं। अंदर दीवार पर एक बहुत बड़ा यशोदा तथा बाल-कृष्ण का चित्र बना हुआ है जिसे वे ईसा और उसकी माता समझते हैं। अंदर गाय के घी का एक पवित्र दीप सदा जलता रहता है.ये दोनों मुसलमान धर्म के विपरीत कार्य(चित्र और गाय के घी का दिया) यहाँ होते हैं। एक अष्टधातु से बना दीया का चित्र मैं यहाँ लगा रहा हूँ जो ब्रिटिश संग्रहालय में अब तक रखी हुई है। ये दीप अरब से प्राप्त हुआ है जो इस्लाम-पूर्व है। इसी तरह का दीप काबा के अंदर भी अखण्ड दीप्तमान रहता है .। ये सारे प्रमाण ये बताने के लिए हैं कि क्यों मुस्लिम इतना डरे रहते हैं इस मंदिर को लेकर..इस मस्जिद के रहस्य को जानने के लिए कुछ हिंदुओं ने प्रयास किया तो वे क्रूर मुसलमानों के हाथों मार डाले गए और जो कुछ बच कर लौट आए वे भी पर्दे के कारण ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं कर पाए।अंदर के अगर शिलालेख पढ़ने में सफलता मिल जाती तो ज्यादा स्पष्ट हो जाता। इसकी दीवारें हमेशा ढकी रहने के कारण पता नहीं चल पाता है कि ये किस पत्थर का बना हुआ है पर प्रांगण में जो कुछ इस्लाम-पूर्व अवशेष रहे हैं वो बादामी या केसरिया रंग के हैं। संभव है काबा भी केसरिया रंग के पत्थर से बना हो। एक बात और ध्यान देने वाली है कि पत्थर से मंदिर बनते हैं मस्जिद नहीं। भारत में पत्थर के बने हुए प्राचीन-कालीन हजारों मंदिर मिल जाएँगे। ये तो सिर्फ मस्जिद की बात है पर मुहम्मद साहब खुद एक जन्मजात हिंदु थे ये किसी भी तरह मेरे पल्ले नहीं पड़ रहा है कि अगर वो पैगम्बर अर्थात अल्लाह के भेजे हुए दूत थे तो किसी मुसलमान परिवार में जन्म लेते, एक काफिर हिंदु परिवार में क्यों जन्मे वो..? जो अल्लाह मूर्त्ति-पूजक हिंदुओं को अपना दुश्मन समझकर खुले आम कत्ल करने की धमकी देता है वो अपने सबसे प्यारे पुत्र को किसी मुसलमान घर में जन्म देने के बजाय एक बड़े शिवभक्त के परिवार में कैसे भेज दिए..? इस काबा मंदिर के पुजारी के घर में ही मुहम्मद का जन्म हुआ था।इसी थोड़े से जन्मजात अधिकार और शक्ति का प्रयोग कर इन्होंने इतना बड़ा काम कर दिया। मुहम्मद के माता-पिता तो इसे जन्म देते ही चल बसे थे। मुहम्मद के चाचा ने उसे पाल-पोषकर बड़ा किया परंतु उस चाचा को मार दिया इन्होंने अपना धर्म-परिवर्त्तन ना करने के कारण।अगर इनके माता-पिता जिंदा होते तो उनका भी यही हश्र हुआ होता। मुहम्मद के चाचा का नाम उमर-बिन-ए-ह्ज्जाम था.ये एक विद्वान कवि तो थे ही साथ ही साथ बहुत बड़े शिवभक्त भी थे। इनकी कविता सैर-उल-ओकुल ग्रंथ में है। इस ग्रंथ में इस्लाम पूर्व कवियों की महत्त्वपूर्ण तथा पुरस्कृत रचनाएँ संकलित हैं। ये कविता दिल्ली में दिल्ली मार्ग पर बने विशाल लक्ष्मी-नारायण मंदिर की पिछली उद्यानवाटिका में यज्यशाला की दीवारों पर उत्त्कीर्ण हैं। ये कविता मूलतः अरबी में है। इस कविता से कवि का भारत के प्रति श्रद्धा तथा शिव के प्रति भक्ति का पता चलता है। इस कविता में वे कहते हैं कि कोई व्यक्ति कितना भी पापी हो अगर वो अपना प्रायश्चित कर ले और शिवभक्ति में तल्लीन हो जाय तो उसका उद्धार हो जाएगा और भगवान शिव से वो अपने सारे जीवन के बदले सिर्फ एक दिन भारत में निवास करने का अवसर माँग रहे हैं जिससे उन्हें मुक्ति प्राप्त हो सके क्योंकि भारत ही एकमात्र जगह है जहाँ की यात्रा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा संतों से मिलने का अवसर प्राप्त होता है। देखिए प्राचीन काल में कितनी श्रद्धा थी विदेशियों के मन में भारत के प्रति और आज भारत के मुसलमान भारत से नफरत करते हैं। उन्हें तो ये बात सुनकर भी चिढ़ हो जाएगी कि आदम स्वर्ग से भारत में ही उतरा था और यहीं पर उसे परमात्मा का दिव्य संदेश मिला था तथा आदम का ज्येष्ठ पुत्र "शिथ" भी भारत में अयोध्या में दफनाया हुआ है। ये सब बातें मुसलमानों के द्वारा ही कही गई है मैं नहीं कह रहा हूँ।
और ये "लबी बिन-ए-अख्तब-बिन-ए-तुर्फा" इस तरह का लम्बा-लम्बा नाम भी वैदिक संस्कृति ही है जो दक्षिणी भारत में अभी भी प्रचलित है जिसमें अपने पिता और पितामह का नाम जोड़ा जाता है। कुछ और प्राचीन-कालीन वैदिक अवशेष देखिए। ये हंसवाहिनी सरस्वती माँ की मूर्त्ति है जो अभी लंदन संग्रहालय में है। यह सऊदी अर्बस्थान से ही प्राप्त हुआ था..। प्रमाण तो और भी हैं बस लेख को बड़ा होने से बचाने के लिए और सब का उल्लेख नहीं कर रहा हूँ। पर क्या इतने सारे प्रमाण पर्याप्त नहीं हैं यह सिद्ध करने के लिए कि अभी जो भी मुसलमान हैं वो सब हिंदु ही थे जो जबरन या स्वार्थवश मुसलमान बन गए। कुरान में इस बात का वर्णन होना कि "मूर्त्तिपूजक काफिर हैं उनका कत्ल करो" ये ही सिद्ध करता है कि हिंदु धर्म मुसलमान से पहले अस्तित्व में थे। हिंदु धर्म में आध्यात्मिक उन्नति के लिए पूजा का कोई महत्त्व नहीं है। ईश्वर के सामने झुकना तो बहुत छोटी सी बात है। प्रभु-भक्ति की शुरुआत भर है ये। पर मुसलमान धर्म में अल्लाह के सामने झुक जाना ही ईश्वर की अराधना का अंत है। यही सबसे बड़ी बात है। इसलिए ये लोग अल्लाह के अलावे किसी और के आगे झुकते ही नहीं,अगर झुक गए तो नरक जाना पड़ेगा। क्या इतनी निम्न स्तर की बातें ईश्वरीय वाणी हो सकती है..!.? इनके मुहम्मद साहब मूर्ख थे जिन्हें लिखना-पढ़ना भी नहीं आता था। अगर अल्लाह ने इन्हें धर्म की स्थापना के लिए भेजा था तो इसे इतनी कम शक्ति के साथ क्यों भेजा जिसे लिखना-पढ़ना भी नहीं आता था? या अगर भेज भी दिए थे तो समय आने पर रातों-रात ज्ञानी बना देते जैसे हमारे काली दास जी रातों-रात विद्वान बन गए थे(यहाँ तो सिद्ध हो गया कि हमारी काली माँ इनके अल्लाह से ज्यादा शक्तिशाली हैं)। एक बात और कि अल्लाह और इनके बीच भी जिब्राइल नाम का फरिश्ता सम्पर्क-सूत्र के रुप में था। इतने शर्मीले हैं इनके अल्लाह या फिर इनकी तरह ही डरे हुए? वो कोई ईश्वर थे या भूत-पिशाच.?? सबसे महत्त्वपूर्ण बात ये कि अगर अल्लाह को मानव के हित के लिए कोई पैगाम देना ही था तो सीधे एक ग्रंथ ही भिजवा देते जिब्राइल के हाथों जैसे हमें हमारे वेद प्राप्त हुए थे। ये रुक-रुक कर सोच-सोच कर एक-एक आयत भेजने का क्या अर्थ है? अल्लाह को पता है कि उनके इस मंदबुद्धि के कारण कितना घोटाला हो गया? आने वाले कट्टर मुस्लिम शासक अपने स्वार्थ के लिए एक-से-एक कट्टर बात डालते चले गए कुरान में। एक समानता देखिए हमारे चार वेद की तरह ही इनके भी कुरान में चार धर्म-ग्रंथों का वर्णन है जो अल्लाह ने इनके रसूलों को दिए हैं। कभी ये कहते हैं कि धर्म अपरिवर्तनीय है वो बदल ही नहीं सकता तो फिर ये समय-समय पर धर्मग्रंथ भेजने का क्या मतलब है??अगर उन सब में एक जैसी ही बातें लिखी हैं तो वे धर्मग्रंथ हो ही नहीं सकते...जरा विचार करिए कि पहले मनुष्यों की आयु हजारों साल हुआ करती थी वो वर्त्तमान मनुष्य से हर चीज में बढ़कर थे। युग बदलता गया और लोगों के विचार,परिस्थिति,शक्ति-सामर्थ्य सब कुछ बदलता गया तो ऐसे में भक्ति का तरीका भी बदलना स्वभाविक ही है। राम के युग में लोग राम को जपना शुरु कर दिए। द्वापर युग में
कृष्ण जी के आने के बाद कृष्ण-भक्ति भी शुरु हो गई। अब कलयुग में चूँकि लोगों की आयु तथा शक्ति कम है तो ईश्वर भी जो पहले हजारों वर्ष की तपस्या से खुश होते थे अब कुछ वर्षों की तपस्या में ही दर्शन देने लगे। धर्म में बदलाव संभव है अगर कोई ये कहे कि ये संभव नहीं है तो वो धर्म हो ही नहीं सकता। यहाँ मैं यही कहूँगा कि अगर हिंदु धर्म सजीव है जो हर परिस्थिति में सामंजस्य स्थापित कर सकता है(पलंग पर पाँव फैलाकर लेट भी सकता है और जमीन पर पाल्थी मारकर बैठ भी सकता है) तो मुस्लिम धर्म उस अकड़े हुए मुर्दे की तरह है जिसका शरीर हिल-डुल भी नहीं सकता। हिंदु धर्म संस्कृति में छोटी से छोटी पूजा में भी विश्व-शांति की कमना की जाती है तो दूसरी तरफ मुसलमान ये कामना करते हैं कि पूरी दुनिया में मार-काट मचाकर अशांति फैलानी है और पूरी दुनिया को मुसलमान बनाना है। हिंदु अगर विष में भी अमृत निकालकर उसका उपयोग कर लेते हैं तो मुसलमान अमृत को भी विष बना देते हैं। मैं लेख का अंत कर रहा हूँ और इन सब बातों को पढ़ने के बाद बताइए कि क्या कुरान ईश्वरीय वाणी हो सकती है और क्या इस्लाम धर्म आदि धर्म हो सकता है...?? ये अफसोस की बात है कि कट्टर मुसलमान भी इस बात को जानते तथा मानते हैं कि मुहम्मद के चाचा हिंदु थे फिर भी वो बाँकी बातों से इन्कार करते हैं..
इस लेख में मैंने अपना सारा ध्यान अरब पर ही केंद्रित रखा इसलिए सिर्फ अरब में वैदिक संस्कृति के प्रमाण दिए यथार्थतः वैदिक संस्कृति पूरे विश्व में ही फैली हुई थी। इसके प्रमाण के लिए कुछ चित्र जोड़ रहा हूँ... -ये राम-सीता और लक्षमण के चित्र हैं जो इटली से मिले हैं। इसमें इन्हें वन जाते हुए दिखाया जा रहा है। सीता माँ के हाथ में शायद तुलसी का पौधा है क्योंकि हिंदु इस पौधे को अपने घर में लगाना बहुत ही शुभ मानते हैं। यह चित्र ग्रीस देश के कारिंथ नगर के संग्रहालय में प्रदर्शित है। कारिंथ नगर एथेंस से ६० कि.मी. दूर है। प्राचीनकाल से ही कारिंथ कृष्ण-भक्ति का केंद्र रहा है।यह भव्य भित्तिचित्र उसी नगर के एक मंदिर से प्राप्त हुआ है । इस नगर का नाम कारिंथ भी कृष्ण का अपभ्रंश शब्द ही लग रहा है। अफसोस की बात ये कि इस चित्र को एक देहाती दृश्य का नाम दिया है यूरोपिय इतिहासकारों ने। ऐसे अनेक प्रमाण अभी भी बिखरे पड़े हैं संसार में जो यूरोपीय इतिहासकारों की मूर्खता,द्वेशभावपूर्ण नीति और हमारे हुक्मरानों की लापरवाही के कारण नष्ट हो रहे हैं। जरुरत है हमें जगने की और पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति को पुनर्स्थापित करने की..
आजकल ख्याति प्राप्त करने सबसे अच्छा माध्यम है किसी भी धर्म अनर्गल अनापशनाप लिखना
जवाब देंहटाएंjo sachai he use batane me harz he?
हटाएंJo dacha bhatiy hota hai vo akta ki bat. Karta
हटाएंAlta ki bat karo Jo saccha. Nagrik hota vo milane ki. Bat. Karta hai
हटाएंMusalmano ko agar apni sacchai janani hai to bhavishya Puran padh Lena chahiye hakikat ka pata chal jayega Ki musalman pahle sanatan dharm k the or murti puja karte the....lekin bad me aage chal kar inke mohammad in logo acche Marg se bhatka kar paap k raste par la kar khada kar Diya...ye log apne dharm bahot accha bolte hai lekin ye samajhne Ki koshis nahi karte ishlam dharm ka na koi itihas hai na koi ashtitwa...........
हटाएंDharm ki rajneeti Karna band karde jo haq To qabool karte nhi. Balki logo KO haq se bhatkate rahte he Quran me azab aeise aeise logo ke liye he. Iske bawjood jo log tuaba karle Allah maaf karne wala he Quran ek hidayat he is puri dunya ke liye. Jaha allah is Quran me azab ke bare me batata he wahi apni rahmat ko dikhata he.
हटाएंEk baat aur jitni mahnat bhai sahab aapne Islam ki burai ke liye ki he agar uski aadhi bhi mahnat sach ke liye lagate To insah Allah apko kamyabi milti
Jab Islam ko koi nhi janta to Hindustan pe mugal raj chala wo bhi 650 saal tumaheri baski h
हटाएंबहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी. संग्रह करने योग्य..वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें...t
जवाब देंहटाएंpahle islam ki jankari hasil karo kuran ko padho thik se fir likho bewkuf
जवाब देंहटाएंPAHLE APANA D.N.A. TEST DE DO BAD ME KURAN PADHO
हटाएंAapke Aas pas pados ke kisi ghar per kya huwa h aap iski sahi jaankari nahi de sakte aur aap hazaro saal pehle ki baton ko itni pramadikta ke saath kaise keh sakte h.
हटाएंBas bole bhart mata ki jai
हटाएंjo bas logo ko marne aur katne m belive krte h unhe b koi expalantion ki jarurt hoti h kya, bhul gaye tumhari khud ki root khan se h ...........
हटाएंJO BAAT MALOOM NAHI HAI USE NA BOLE...ISLAM IS THE GREATEST THAN OTHERS EVER AND EVER
हटाएंislam to kaya gadhe tumhe apne dharm ke bare men bhi jankari nahi malum padta hai kahin ka int kahin ka roda bhanumati ka kunba joda
जवाब देंहटाएंAapko kya lagta h jo aapke islaam ke anuroop chalta h wo wyakti sahi h aur usko jannat prapt hogi aur baaki dharm ke log jahnnum jayenge To mere bade bhai ye to aapne arvind kejriwaal wali baat ker di bhaijaan kam se kam sonch to imandari ki rakhiye
हटाएंसनातन धर्म, जो वास्तव मे सारे धर्मो का जन्म दाता है. और जो पूरी तरह ब्रह्मांड की भौतिकी पर आधारित है.
हटाएंहिंदू धर्म जिसको संस्कृत मे सनातन धर्म भी बोलते हैं. जिसकी उत्पत्ति इस ब्राम्हांड के साथ ही हो जाती है. जीतने लोग इस पृथ्वी पर है उन्होने हिंदू धर्म से कॉनवर्ट होकर मुस्लिम, सिख, इसाई आदि ट्रॅडिसेन को अपनाया हैं. वास्तव मे हिंदू धर्म के अलावा जीतने भी धर्म है इस दुनिया मे वो धर्म नही ट्रॅडिसेन है.
हटाएंये तो प्रमाणित है की मुस्लिम पहले हिन्दू थे इनके धर्म में जिन चीजों के पालन करने पर शख्त से शख्त मनाही है ये उसके विपरीत ही करते हैं और अपने आप को बड़े वाले मुस्लमान बताते हैं चोरकट उदाहरण के तौर पर ईमान सबसे बड़ा धर्म है मुसलमानों का पर ये बहुत कम संख्या में ईमान पर चलते हैं दूसरी चीज़ पराई स्त्री और पर्दा प्रथा के लिए शख्त नियम है पर औरतों के प्रति इनकी नियत हमेशा खराब मिलेगी तीसरी चीज़ हराम की कमाई वर्जित है पर कितने मुसलमान इसका पालन करते हैं चौथी चीज़ शराब पीना सख्त मना है पर कितने मुसलमान ऐसे हैं जो शराब का सेवन नहीं करते पांचवी चीज चलचित्र देखना मन है पर आज सिनेमाहोल में इनकी संख्या सब से ज्यादा मिलेगी
हटाएंये तो प्रमाणित है की मुस्लिम पहले हिन्दू थे इनके धर्म में जिन चीजों के पालन करने पर शख्त से शख्त मनाही है ये उसके विपरीत ही करते हैं और अपने आप को बड़े वाले मुस्लमान बताते हैं चोरकट उदाहरण के तौर पर ईमान सबसे बड़ा धर्म है मुसलमानों का पर ये बहुत कम संख्या में ईमान पर चलते हैं दूसरी चीज़ पराई स्त्री और पर्दा प्रथा के लिए शख्त नियम है पर औरतों के प्रति इनकी नियत हमेशा खराब मिलेगी तीसरी चीज़ हराम की कमाई वर्जित है पर कितने मुसलमान इसका पालन करते हैं चौथी चीज़ शराब पीना सख्त मना है पर कितने मुसलमान ऐसे हैं जो शराब का सेवन नहीं करते पांचवी चीज चलचित्र देखना मन है पर आज सिनेमाहोल में इनकी संख्या सब से ज्यादा मिलेगी
हटाएंअरे भाई अंधविश्वास में इतने अंधे मत हो जाओ कम से कम दुनिया का इतिहास पढ़ लो और इस्लाम का इतिहास पढ़ लो फिर इस्लाम के बारे में जितने कमेंट करना हो करो
हटाएंThakur lagate ho aur kahe ho mausalmaan, islam ka janam Arab mai hua, wahan kon se Thakur hai. aap to Hindu se converted muslim ho.. aur agar koi sach bool de to Lagte ho gali dene. Kaba to Shiv mandir hai. Mohhoumad se phele Arab mai bhi Shiv pooja hoti thi.. Kaba ka asile matlab hai Kavya. Guru Sukracharya ko Kavya kahate the.. Unhi ke naam per uss jagaha kaa naam Kavya pada.. Kaba is converted name of Kavya.. Issi liye aap Sukrr ko namaaja padhte ho. jise aap jumma kate ho isska batlam hai bada.. Bhai, guilti feel naa karo jo sahi mai maan lo..
हटाएंabe m.islam subar ki paidaish sale islam maar kat or khun kharaba ke siba kuch nahi sikahata
हटाएंMtlb jo dimag me aayega bo bologe tum log islam ki koi brabri nhi kr skta isiliye jlte ho salo islam 1 schha mjhb h
हटाएंऐसे काम नहीं चलेगा ठाकुर जी..सिर्फ गलती कह देने से बात नहीं बनेगी.क्या गलती है वो बताइए और उसका सही क्या है वो भी बता दीजिए..मैंने खुद कुरान भले नहीं पढ़ी है लेकिन जिन मुस्लिम विद्वानों ने कुरान पढ़ी है उनसे जो जानकारी मुझे मिली है उसके आधार पर मैंने ये लेख लिखा है..और इसमें तो कुरान के बारे में मैंने बहुत कम ही बातें लिखी है..इस लेख में तो मैंने उन प्रमाणों के बारे में लिखा है जो यह सिद्ध करते हैं कि इस्लाम धर्म आदि धर्म हो ही नहीं सकता ना ही मुहम्मद पैगम्बर हो सकते हैं और ना ही कुराण ईश्वरीय वाणी....
जवाब देंहटाएंआपकी आलोचना का मैं स्वागत करुँगा..आप निर्भय होकर अपनी बात रखिए...
माडरेशन मैंने इसलिए लगाई है ताकि कोई गंदी गाली ना लिखे और ये शुरु से ही लगाकर रखी है मैंने ना कि विशेषकर इस लेख के लिए..इसलिए ये मत सोचिए कि मैं आपके टिप्पणी को मिटा दूँगा..मैं तर्क-वितर्क करने के लिए तैयार हूँ..
या तो प्रमाण देकर अपनी बात सिद्ध करिए या फिर स्वीकार कर लिजिए कि आपके मुहम्मद साहब हिंदु थे...आपके पास तो वर्त्तमान है,प्रमाण की कमी नहीं होनी चाहिए पर मुझे तो अतीत से प्रमाण लाने पड़ते हैं जो मिटा दिए गए हैं...
are bhai....is lekh me to bataya gaya hai ki wo sacchai kabul nahi karte to aap kyo unke piche pade ho. unko sacchai batane ke. Isaka ek hi jawab hai. Nark me Jaana Padega.
हटाएंO to malum hi chalyega join jayega
हटाएंउपर एक जगह "हरा-भरा प्रदेश को रेगिस्तान में बदल दिया" लिखने की जगह मैंने "हरा-भरा रेगिस्तान को मरुस्थल में बदल दिया" लिख दिया है..आशा करते हैं कि आपलोग इसे सुधार कर पढ़ लेंगे...
जवाब देंहटाएंपहले मे भी ऐसे ही सोचता था लेकिन अब तथ्य सामने आ गए है तो और भी सभी कड़िया जुडने लगी है ! सच मे आपका लेख आँख खोलने वाला है !
जवाब देंहटाएंआपने लिखा है कि भारत में घोड़े अरब से आया करते थे । दशरथ महाराजा ने
जवाब देंहटाएंयज्ञ कराया तो एक घोड़े की बलि माँ कोसल्या ने दी थी ।
क्या वह घोड़ा भी अरबी ही था ?
रामायन में लिखा है कि एक दर्जन से अधिक बराहमनों के कहने पर कोसल्या ने
मरे अरबी घोड़े का लिंग काटकर ऐसी जगह दे लिया जो कि बनी ही लिंग के लिए
है !
तब जाकर राम प्रभु पैदा हुए ।
अरब के मुसलमान भी दुनिया से सच्चाई छिपा रहे हैं कि भारत से उनका संबंध
है और आप लोग भी यह छिपा रहे हैं कि अगर अरबी घोड़ा न होता तो राम प्रभु
का भी अस्तित्व न होता ।
उसी अरबी घोड़े का आभार दर्शाने हेतु लखनऊ में घोड़े का जलूस हर वर्ष
निकाला जाता है ।
कोई नहीं बताता ये बातें , अब आप बताना ।
खोल दो सबकी पोल ।
shriman aapne ye kaoun si Ramayan ki baat ki hain. Janha tak Balmiki Ramayan ki baat hain to ushme to kanhi ye jikra hi nahi hai. Tulshi Ramayan main bhi nahi. plz iske bare main saboot de tabhi koi baat likhe.
हटाएंkamdar shree pahale ram ko jano iske bad bolo, 100 janam lene ke bad bhi teri mase ram ko jan nahi sakta,kuran direct ayi to tum kyo nahi direct paida hote ho
हटाएंho skta h us ghode se aap paida hue ho,aur parkriti itna bura to ni kr skti ki ghode ke virye se insaan paida ho...
हटाएं(Vaalmiki Raamaayan, Baalkaand, Chaturdash sarg, shlok 1-38)
हटाएंये बात आपकी सत्य है अवकील जी नहीं तो अरब में भारतीय मुस्लमान पर भरोसा करते ! जैसे अरब का नागरिक मक्का मदीना में प्रवेश कर ता है वैसे भारतियी पर इतनी रोक की उन्हें बहार से ही भेज देते है अंदर क्यों नहीं जाने देते मै भारतीय मुसलमानों को चुनौती देता हू की वो अंदर जा के देखे और फिर सच्चाई का सामना करे ||
जवाब देंहटाएंहाँ भाई, सिर्फ अरब ही नहीं पूरी दुनिया के मुसलमान एक ही तरीके से हज्ज करते हैं, आपको जानकर खुशी होगी कि काबा की चाभी अरब के बाहर अगर किसी को मिली है तो वह एक भारतीय इस्लामी विद्वान अबुल हसन अली हसनी नदवी ( अली मियाँ नदवी ) साहब को 1951 में उनके सम्मान के लिए दी गई थी
हटाएंRamayan katha ke anusar jab bahot samay Tak bhi Raja Dashrath ke koi santaan Nahin hui to unhonein Ashvmedh yag Kiya jismein 300 pashu vibhinn Yoopo.n mein baandhe gaye Aur Yag ke Ashv ko Dashrath ki Badi Raani Kaushalya ne Apne Saath se 3 vaaron Mei vadh Kiya phir baaqi ke pashuon ki Bali Di gayi. Tab yag Samoan hua aur Raaja Dashrath ki teeno Ranio.n ko santaan praapt hui.
हटाएं(Vaalmiki Raamaayan, Baalkaand, Chaturdash sarg, shlok 1-38)
Iske alaawa aur bahot si bali, vadh ityaadi ka zikr hai hadd to ye hai ke narbali ka bhi zikr hai.
Mere Bhai Mera dharm ko bura kehna taatparya Nahin hai apitu ye request hai ke pehle apne dharm ki deep study karo phir Anya dharm ko ghalat kehna.
Isse alag ek baat aur
Maujuda samay mein Jo aaj ke musalmaan, Islam ke Naam per Kar rahein ya Khud ko dharmik darshaate hue Jo ghalat karm Kar rahein hain wo gunah hai. Islam mein hai,
Sada Satya bolo
Kisi ko dhoka mat do
Amaanat mein khayaanat Na karo
Safaai aadha imaan hai
Knowledge(good, Boon for humanity) ko haasil karo chaahe jitna kathhnaaiyo.n ka saamna karna parhe
Vaada karo to usko Pura karo.
Apni zabaan se bhi Kisi ko takleef Na do.
Kisi gaali Na do. Buray shabdo se Na Bulao
Auraton ka sammaan karo
Actually ye sermons to bahot logo ne diye jaise Isa Maseeh, Mahatma Gautam Buddha aadi ne but in sermons per ek society puri duniya mein sirf Prophet Muhammad(PBUH) ne Banaayi thi.mein Aapko Prophet Muhammad ki Hajj ke waqt ka lecture bhi batata hu. Jo Aapke intiqaal se ek saal Pehle aapne 1.24 musalmsano ko Diya tha.
Uss Samay 1.24 musalmaan hajj pr the
इस पोस्ट को 5 बार पढ़िए 10 बार पढ़िए या 50 बार पढ़िए और तब तक पढ़िए जब तक इसमें कही बात समझ में और अमल में ना आ जाए ।
क्या आप जानते हैं की अपने आखरी हज के समय अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने जो आखरी भाषण (खुतबा) दिया जो अपने आप में एक ऐसी मिसाल है की किसी भी धर्मगुरु या नेता ने ऐसा भाषण न दिया होगा जो की मानवता और समानता के उपदेश से परिपूर्ण है|
मेरा सभी मुस्लिम और गैर-मुस्लिम भाइयों से निवेदन है की इसे ज़रूर पढ़ें:
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो।
ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जाय गा.
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना।
ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून–रबीआ इब्न हारिस का ख़ून– ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं। अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे। ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया!
(लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी–)
हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल!
(तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा)
ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
अव्यलीकजी आपने यह शोधपूर्ण लेख लिखने में काफी मेहनत की होगी .अपने सारे तथ्य प्रमाण सहित दिए है,यह निर्विवाद सत्य है की महाभारत कल से पूर्व सारे अरब और यूरोप में वैदिक हिन्दू धर्म ही था .इरान के राजा सब आर्य थे .भरत की माँ इरानी थी .अरब लोगों ने गणित भारत से से सीखी है .मुहम्मद से पाहिले अरबी भाषा में रामायण का अनुवाद हो चुका था .आपने यह लेख लिखकर सराहनीय कार्य किया है .
जवाब देंहटाएंbahut badia lekh.keep it up
जवाब देंहटाएंhttp://www.hinduism.co.za/kaabaa.htm
जवाब देंहटाएंhttp://www.youtube.com/watch?v=GRx3Fe3wzyY
@ Tausif: Agar anaap shanaap hai to saabit karo.. and same for Thakur
Avyaleek aur bhi bahut sare prrofs hai jo yeh saabit karte hai ki Vedic Dharm hi sabse prachin dharm hai aur baki sab dharm vedic dharma se hi bane hai.. please read books written by P.N. Oak
he has given many proofs to prove that Vedic Dharm is the only ancient Dharm..
Regards
Usi dharm ko ASA ram bapu sawen kartye hai..
हटाएंBahut hi acchi jankari di hai aur ye satya bhi hai. Musalman Bahiyon ko chahiye ki Hundu logo ko Kabe main jane ki ijjajat de, satya samne aa jayega.
जवाब देंहटाएंAap lage rahiye.
अव्यलीकजी आपने यह शोधपूर्ण लेख लिखने में काफी मेहनत की होगी .अपने सारे तथ्य प्रमाण सहित दिए है,यह निर्विवाद सत्य है की महाभारत कल से पूर्व सारे अरब और यूरोप में वैदिक हिन्दू धर्म ही था .इरान के राजा सब आर्य थे .भरत की माँ इरानी थी .अरब लोगों ने गणित भारत से से सीखी है .मुहम्मद से पाहिले अरबी भाषा में रामायण का अनुवाद हो चुका था .आपने यह लेख लिखकर सराहनीय कार्य किया है
जवाब देंहटाएंभाई साहब यह आर्य धर्म वही है जिसके लेखक और पुस्तक बारे में गांधी जी कहत हैं
जवाब देंहटाएंAnonymous said...
गांधी जी अपने अख़बार ‘यंग इंडिया‘ में लिखते हैं-
‘‘मेरे दिल में दयानन्द सरस्वती के लिए भारी सम्मान है। मैं सोचा करता हूं कि उन्होंने हिन्दू धर्म की भारी सेवा की है। उनकी बहादुरी में सन्देह नहीं लेकिन उन्होंने अपने धर्म को तंग बना दिया है। मैंने आर्य समाजियों की सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ा है, जब मैं यर्वदा जेल में आराम कर रहा था। मेरे दोस्तों ने इसकी तीन कापियां मेरे पास भेजी थीं। मैंने इतने बड़े रिफ़ार्मर की लिखी इससे अधिक निराशाजनक किताब कोई नहीं पढ़ी। स्वामी दयानन्द ने सत्य और केवल सत्य पर खड़े होने का दावा किया है लेकिन उन्होंने न जानते हुए जैन धर्म, इस्लाम धर्म और ईसाई धर्म और स्वयं हिन्दू धर्म को ग़लत रूप से प्रस्तुत किया है। जिस व्यक्ति को इन धर्मों का थोड़ा सा भी ज्ञान है वह आसानी से इन ग़लतियों को मालूम कर सकता है, जिनमें इस उच्च रिफ़ार्मर को डाला गया है। उन्होंने इस धरती पर अत्यन्त उत्तम और स्वतंत्र धर्मों में से एक को तंग बनाने की चेष्टा की है। यद्यपि मूर्तिपूजा के विरूद्ध थे लेकिन वे बड़ी बारीकी के साथ मूर्ति पूजा का बोलबाला करने में सफल हुए क्योंकि उन्होंने वेदों के शब्दों की मूर्ति बना दी है और वेदों में हरेक ज्ञान को विज्ञान से साबित करने की चेष्टा की है। मेरी राय में आर्य समाज सत्यार्थ प्रकाश की शिक्षाओं की विशेषता के कारण प्रगति नहीं कर रहा है बल्कि अपने संस्थापक के उच्च आचरण के कारण कर रहा है। आप जहां कहीं भी आर्य समाजियों को पाएंगे वहां ही जीवन की सरगर्मी मौजूद होगी। तंग और लड़ाई की आदत के कारण वे या तो धर्मों के लोगों से लड़ते रहते हैं और यदि ऐसा न कर सकें तो एक दूसरे से लड़ते झगड़ते रहते हैं।
(अख़बार प्रताप 4 जून 1924, अख़बार यंग इंडिया, अहमदाबाद 29 मई 1920)
प्रमाण भी एक अखबार का दिया मोहोदय ने। वैसे गांधी के बारे में 100 करोड़ भारतीय क्या कहते है इसकी जानकारी नही है क्या आपको।
हटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएंyahi ek maatra satya hai
kuch muslim ye baat jante hai
jo nhi jante unko aap ka lekh padna chahiye
Sabko malum hai Bhai...saccha dharm Islam hai...
हटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएंyahi ek maatra satya hai
kuch muslim ye baat jante hai
jo nhi jante unko aap ka lekh padna chahiye
भाई श्री श्री रवि किशन जी अपनी किताब में शांति स्थाप्ति करने के लिए ऐसी बातें लाए थे लेकिन जब उनसे इस शोध पर बात की गयी तो उन्होंने अपनी गल्ती को माना और किताब मार्कीट से वापस लेलिया
जवाब देंहटाएंक्या आपको पता है यह बात?
Dead body of FIRON - Sign of Allah
विडियो
http://www.youtube.com/watch?v=0hWGjmbAzPs
agar koi saboot or sujhab ho to bataye.............lekin sachchai se na bhage......
हटाएंFariq! I have no great affinity towards any religion however, I can challenge you and your dad that how much your dad presents false and clever arguments on Peace TV. I have seen over hundreds of episodes of your dad over your Peace TV. I learnt only one thing; how to be effective orator and clever and shrewd. I did not learn to be a truth presenter.
हटाएंअफसोस है और दुःख भी कि हिंदु से ज्यादा मुसलमानों के टिप्पणियाँ आये पर सब टिप्पणीकार बस गोल-मटोल बातें बनाकर चले गए..किसी ने भी मेरे तर्क के विरोध में अपना एक तर्क भी नहीं दिया..कोई हताशा होकर भगवान राम के बारे में गंदी बातें लिखकर चला गया तो कोई मूर्ख विषयभोगी गाँधी का एक महान त्यागी संत पर दिए अपने विचार बताकर हमें चलते बने..मैं चाह रहा था कि कोई मेरा विरोध करे ताकि सच्चाई और अच्छे से सामने आ सके,ताकि जो बातें मैंने लेख में ना लिखी है वो टिप्पणी से पूरा कर सकूँ..पर अफसोस है कि मैंने अपने आलोचनाओं का इन्तजार किया पर वो नहीं आए..
जवाब देंहटाएंशायद इन्हें डर है कि ज्यादा तर्क-वितर्क करने से सच्चाई सामने आ जाएगी जो उनके लिए दुःखदायी होगी...भले ही वो सच्चाई दुःखदायी होती पर हितकर होती...
me sahmat hu aapki baat se , jo log aapse asahmati jata rahe he , unke paas koi tark nahi he aapki baat ko galat saabit karne ke lie , ye aagrha baav se bhare agyani log he , ye sarthk tark vitark karnahi jante bas gaali dena aur idher udhar ki batten karna jante he, point to point debate in agyanio ke bas ki baat nahi, halanki yanha pe koi gali wali post nahi dikh rahi fir bhi me anuman laga sakta hu ki sach kahne pe aapko kitne virodh ka samna karana pada hoga. me khud chahe hindu kyo na hu lekin hindu dhmopdesh ki har baat mnne se pahle uski vivecha avasya karta hu tatpachat hi use apnata hu.
हटाएंदुनिया का सबसे पहला हिन्दू व्यक्ति का नाम बताओ
हटाएंमुसलमान पैगम्बर मुहम्मद से पहले बहुत से पैगम्बर
जैसे ईशा। मूसा दावूद
सबसे पहले आदम
यानी आज से करीब २०० कड़ोड़ साल पहले आये थे इससे व्यतीत होता है मुसलमान दुनिया में सबसे पहले आया था। ………।
हिंदी धर्म की शुरआत कही से नहीं है
शिव को भगवान मानते है
जो पता नहीं कर पाये की उनकी पत्नी पार्वती ने किसके साथ सम्भोग कर गणेश को जन्म दिया
और जब शिव की गर्दन काट दी
गर्दन ढूंढी पर नहीं मिली ऐसे भगवान जिन्हे shiv की गर्दन नहीं मिल अपने भक्तो को कैसे देखते होंगे .
हिन्दू धर्म बहुत सरे फाल्ट है।
गौर किया जाए तो मुसलमान धर्म में कोई फाल्ट नहीं है
अपने धर्म की तरह ही अवैज्ञानिक बातें करो तुम। पृथ्वी पर अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म 60 करोड़ वर्ष पुराना है। मनुष्य बहुत बाद में आया।
हटाएंजिस मूसा और दाऊद की तुम बात कर रहे हो वो यहूदी थे मुसलमान नहीं। जाओ जाके पता करो कि ईसाई और इस्लाम के पहले यहूदी धर्म आया है और उसी के धर्मग्रन्थ को नक़ल करके कुरान लिखा गया और ये सारे नवी उन्हीं से लिया गया है. ये आदम हौवा सब यहूदियों की कहानियों से ही लिया गया है बिलकुल हू-बहू।
जाओ जाके अपना ज्ञान बढ़ाओ। गलतफहमी दूर हो जाएगी।
आपकी बात सत्य हे दोस्त
हटाएंहिंदुत्व हमेसा से था इसके बहुत से प्रमाण हे, पर इस्लाम की जड़ का कोई पता नहीं हे .
आपकी बात सत्य है, अपने पूरे सत्य और तर्कों क आधार पर ही अपनी बात रखा हे.
हटाएंसबसे पहले तो हम हिन्दुओ को सत्य स्वीकार करने की जरूरत हे और आज भी हमारे देश में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सत्य को स्वीकार नहीं करते है
लेकिन सत्य को प्रमाण की आवशकता नहीं होती है और एक दिन सपूर्ण विश्व हिंदुत्व के आगे नतमस्तक होगा. आपका कार्य प्रशंसनीय हैं
धनयाद
रविन्द्र कुमार
तंजिम पठान ये सोचो कि वो धर्म कितना पुराना होगा | जिसके बारे मे तुम्हे ये नही पता वो कब बना था| और भगवान शिव की नही गणेश जी की गर्दन कटि थी| और फिर एक हाथी कि गर्दन लगाई गई थी| और तुम कहते हो मुसलमान धर्म मे कोई fault नही है | मुसलमान धर्म ही एक fault है| कुछ पता है नही |सिर्फ हवा मे लाठी चलाते है| पार्वती ने गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसमे प्राण डाले थे|
हटाएंये मुस्लिम लोग,
हटाएंअपनी बात को मनवाने में लगे हुए है,
200 करोड़ साल पुराना,
अबे कुछ तो फेकने की लिमिट कर,
तुम जैसे जाहिल मस्जिद में जाकर चूतिये उल्लू बनकर आते है,
और खुश भी होते है ये जानकार की हम उल्लू बनकर आये है,
अगर मौलवी लोग इस्लाम के नाम पर तुम्हारी बीबी को मांग ले तो तुम ख़ुशी खुशि उसको दे दोगे,
कुरआन 1400 साल पहले लिखी गयी,
मोहमद साहब के मरने के अगले दिन से लड़ाईया स्टार्ट हो गयी,
शिया,सुन्नी,
अहमदी,
न जाने कितने लोग आपस में लड़े जा रहे है,
बात करता है,
Tum sab gadhe ho.kbhi pehle dono apne dharm ka samjo fir parkti ko or fir almighty allah ki baat karo.gadho tum dono kuch nahi jante bas bajwas kar rahe ho.sabh ek ha sanatam vaidik dhrm ko hi hibru me ishlaam kehte ha.or allah ka matlab na musalmaan ko nagi hindu ko pata ha.bas gandgi bhari ha sab ke dimagh me.kabhi puchoge to aallah shu bhhanatala ki tarif me batayunga.har hibdu aallah ke age sajda karega or musalmaan ka vishwash pura aa jayega.
हटाएंItne bade insan jinko dunya salam karti h blki khud hindu bhi manne ko majboor hn unko murkh kahne wala khud kitna bada murkh bhrast hoga balki hai. Iski murkhta ki isse badi aur kya dalil ho gi k char lainiya likh kar samajhta h k bhut bada tir mar liya bachkane tark behooda zaban adharmi kafir insan Marne ke bad sab khul jaega dushmane khuda o rasool tujh par lanat beshumar
हटाएंTum khte ho kuran logo ki likhi hoi he to kuran ka 1 chelnge bhi nhi pura kr sakte ki kuran jesi 1 surat hi bna lao
हटाएंAwyaleek .. Yeh Loog Gol matol hi baate karenge kyunki Kuran mein sirf Gol matol hi hai..nahi Koi allah hai aur nahi kisi paigambar ko bhejne ka sawaal uthta hai.. yeh to sab Muhamad miyan ke dimag ki upaj thi.. jo bas Vedik Dharm ke virodh mein aayi thi.. aur unke yeh anuyayi Bakri ki tarah sir niche karke unka anusaran kar rahe hai
जवाब देंहटाएंSabhi bhaiyo se apeel hai Ki sacchai ko jhtlate hue Kisi dharam ka apman na kare kuraan sharerf me jarra ka bhi khayal kiya Gaya hai har makhluk Allah Ki hai isme har pure Manav jati wa shrasti ke kallyan Ki hi baat hai ek baar jankari to kariye Jo bhi kuranpak ke bare me jankari pa leta hai wo apne aapko imaan wala banne se nahi rok pata iska udahardh Puri dunya ke gair momino dwara islaa. KO badnam karne ke baad bhi aaj dunya me sabse tej fail e wala dharam islaam hi hai.
हटाएंVadic dharm arwadik dawai ki tarh hai...ghol kar pio to bhi nahi aser jis din sacchai malum hogi us din pastanye Ky siwa khuchh nahi hoga...Allah bysheek un log ko nahi chhoryega....
हटाएंHamarye hadis ki ayt padh Ky dikho bhoot Vibhag Ne lagta hai tumko sirf ek Insan ho aur ramayer parhh kar dekho khuchh nahi hota hai....
Bhai kam se kam aap apna email to likh saktye hai. Koi kuch bat kahna chaey to kaha kahega.
जवाब देंहटाएंbahut achha likha tum jaise sache bharatiya per humien garv hai
जवाब देंहटाएंकमाल है अव्यलिक भाई...बहुत जबरदस्त जानकारी दी आपने..मेरी हादिक बधाई स्वीकार करे...ये मुस्लिम लोग एक बार अन्दर जाकर खुद क्यों नहीं देखते है? और नहीं तो किसी हिन्दू को ही अन्दर जाने दे...सच्चाई फिर खुद ही सबके सामने आ जायेगी...वो छुपा रहे है मतलब दाल में जरूर कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है...आपको बहुत बहुत बधाईया इस ज्ञानवर्धक लेख के लिए...भगवान आपको लम्बी आयु दे और स्वस्थ रखे...!!
जवाब देंहटाएंसब का मालिक एक है
हटाएंसब का मालिक एक है
हटाएंजो धर्म को जानता है, वही धर्म पर चर्चा कर सकता है, छाती ठोककर कह सकता है कि मेरा सामना करो. अव्यालीक जी, धर्म के ज्ञाता है. इसीलिए कुछ कुतर्की लोग अपनी अभद्र टिप्पणियों से स्वस्थ विचार-विमर्श के माहौल को बिगाड़ने जैसी बातें लिखकर भाग गए और लौट कर नहीं आए.
जवाब देंहटाएंदुनिया का सबसे पहला हिन्दू व्यक्ति का नाम बताओ
हटाएंमुसलमान पैगम्बर मुहम्मद से पहले बहुत से पैगम्बर
जैसे ईशा। मूसा दावूद
सबसे पहले आदम
यानी आज से करीब २०० कड़ोड़ साल पहले आये थे इससे व्यतीत होता है मुसलमान दुनिया में सबसे पहले आया था। ………।
हिंदी धर्म की शुरआत कही से नहीं है
शिव को भगवान मानते है
जो पता नहीं कर पाये की उनकी पत्नी पार्वती ने किसके साथ सम्भोग कर गणेश को जन्म दिया
और जब शिव की गर्दन काट दी
गर्दन ढूंढी पर नहीं मिली ऐसे भगवान जिन्हे shiv की गर्दन नहीं मिल अपने भक्तो को कैसे देखते होंगे .
हिन्दू धर्म बहुत सरे फाल्ट है।
गौर किया जाए तो मुसलमान धर्म में कोई फाल्ट नहीं है
दुनिया का सबसे पहला हिन्दू व्यक्ति का नाम बताओ
हटाएंमुसलमान पैगम्बर मुहम्मद से पहले बहुत से पैगम्बर
जैसे ईशा। मूसा दावूद
सबसे पहले आदम
यानी आज से करीब २०० कड़ोड़ साल पहले आये थे इससे व्यतीत होता है मुसलमान दुनिया में सबसे पहले आया था। ………।
हिंदी धर्म की शुरआत कही से नहीं है
शिव को भगवान मानते है
जो पता नहीं कर पाये की उनकी पत्नी पार्वती ने किसके साथ सम्भोग कर गणेश को जन्म दिया
और जब शिव की गर्दन काट दी
गर्दन ढूंढी पर नहीं मिली ऐसे भगवान जिन्हे shiv की गर्दन नहीं मिल अपने भक्तो को कैसे देखते होंगे .
हिन्दू धर्म बहुत सरे फाल्ट है।
गौर किया जाए तो मुसलमान धर्म में कोई फाल्ट नहीं है
poorvaj to bandar the ye dharm paida kaise hua...........muhammad ne to kuran likha 4 pathiyan rakhi usise dharm bna............ydi koi praman hai to btao prathvi ki utpatti hone ke pahle ydi tumhare poorvaj aaye ho to btao..........
हटाएंआदरणीय अव्यलीक जी।
जवाब देंहटाएंनमस्कार! यह सत्य है कि मोहम्मद साहब हिन्दू थे। वास्तव में समस्त विश्व में आर्य संस्कृति ही थी। बौद्ध धर्म के प्रणेता तथागत बुद्ध भी आर्य थे। जैन धर्म के प्रणेता ऋषभनाथ / महावीर भी आर्य ही थे। सिख धर्म के प्रणेता गुरु नानक भी आर्य थे। यह तो सभी जानते है पर जो नही जानते है वह यह है - पारसी धर्म के प्रणेता ज़रथ्रुष्ट ( Zoroaster ) भी आर्य कुलोत्पन्न थे। यह मैं नही बल्कि इतिहासकारो ने स्वीकारा है। पारसी धर्म में आपको इस्लाम से अधिक हिन्दू दिखेगा। उदाहरण: --- ऋग्वेद का प्रथम श्लोक - अग्निमीळे ... ( अर्थात ज्योतिस्वरुप परमेश्वर को नमन है ) और पारसी तो सदा से ही आग पूजक है। हिन्दू यज्ञ करते है और पारसी य़स्न। उनकी अवेश्त भाषा संस्कृत की ही अपभ्रंश है। बस वहाँ एक छोटा सा भेद है हिन्दू असुर को बुरा कहते है और देव को अच्छा बल्कि पारसी अहुरा को अच्छा और दईवा को बुरा। दोनो मानते है कि यह अपने अपने लोको में रहते है।
समानता देखे
संस्कृत - सप्त (अर्थात सात)
अवेश्त शब्द - हाप्त ( इसी से फारसी शब्द हप्त और ऊर्दु शब्द हफ़्ता बना है )
संस्कृत शब्द - धरित्री (अर्थात धारण करने वाली)
अवेश्त शब्द - बरेत्री (बच्चे धारण करने वाली - माता)
संस्कृत शब्द - शतं (अर्थात 100)
अवेश्त शब्द - सटम ( इसी से लेटिन शब्द centum और आंग्ल शब्द century बना है )
संस्कृत शब्द - अस्ति (अर्थात होना)
अवेश्त शब्द - स्ते, अस्ति ( इसी से लेटिन शब्द est और आंग्ल शब्द exist बना है )
और भी कई समानताए आपको मिल जायेंगी।
यहुदियो की भी पोल खोल देते है। अब्रहम संस्कृत शब्द ब्रह्म से बना है। सरई अर्थात सरस्वती। नूह की कथा मनु की कथा से चुराई गई है। आपको पता है कि ईसाई नाम का कोई धर्म ही नही है? सत्य से छेड़छाड़ कर दी गई। हेरोड एक शांतिप्रिय राजा था - यह तो इतिहासकारो ने स्वीकारा है लेकिन ईसाईयो के अनुसार उसने कई निरपराध बालको को मारा। मात्र इसीलिए क्योकि कन्स ने यही किया था। ध्यान दे कि मात्र Bible कहती है कि हेरोड ने बच्चे मारे - न तो यह इतिहासकारो ने स्वीकारा है न कोई वैज्ञानिक इसका कोई प्रमाण ढूंढ पाया। ईसा मसीह पैदा हुए ही नही थे - उनकी कथाए डाल दी अपना उल्लू सीधा करने के लिए। ईसा मसीह की कथा मिस्र के देवता Horus, यूनान के देवता Dionysos, रोमानिया के देवता Mithra और भारतीय देवता कृष्ण से चुराई गई है। 25 दिसम्बर ईसा मसीह का जन्म दिन नही है बल्कि Horus का है। महाभारत के कुछ स्थानो पर यशोदा के प्रसिद्ध बेटे कृष्ण को यशस कृष्ण कहा है - उसी का अपभ्रंश बना Jesus Christ
ईसा मसीह का वास्तविक जन्मदिन (यदि वह पैदा हुए है तो ... ) यहाँ लिखा है http://www.hitxp.com/articles/history/christmas-history-christ-birth-date/
अत: वास्तविक सभ्यताए केवल 4 है - मिस्र, रोमानिया, यूनान, भारत। लेकिन इनकी भी समानताए यह सोचने के लिए विवश करती है कि इनका आधार भी एक ही है। क्या वह इन्ही में से कोई है अथवा कोई अन्य ही जिसका आज नामोनिशान नही? वह जो भी होगा - अवश्य ही प्राचीन होगा। मिस्र में एक भी ग्रंथ नही जो 4,500 ईसा पूर्व से पहले की बात करता हो, रोमानिया सभ्यता 3,200 ईसा पूर्व में आई थी और यूनान में 3,800 ईसा पूर्व से पहले जीवन नही। राम जिन्हे भारतीय जीवन का आदर्श मानते है कम से कम 7,000 वर्ष पूर्व जन्मे है। (उस से पहले ही होंगे पर बाद में नही) रामसेतु बनाने के लिए विशेष पत्थर उठाया गया है परंतु सबसे प्राचीनतम सेतु होने के कारण उसे Adam's Bridge कहते है। सबसे आधारभूत धर्म जो भी हो - यह सत्य है कि केवल सनातन धर्म ही बचा रह गया। बाकि प्राचीन सभ्यताओ का आज नाम लेने वाला कोई नही। वेदो में निर्णित समय की धाराए ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति वही बताती है जो वैज्ञानिक मानते है। वैज्ञानिको के मत आपको अंतर्जाल्यक्षेत्र पर अवश्य मिलेंगे। अत: यह स्पष्ट है कि परमेश्वर अपने साथ है। बस अपने धर्म पर अडिग रहना है।
कृपया अपने विचार अवश्य बताए। धन्यवाद...
sabhi musalmano ko maan lena chahiye ki woh hinduo ke hi bacche hai unke ma baap Hindu hi the.
जवाब देंहटाएंजय श्री राम जय हिंदुत्व जय भारत
hinduo ki adat hai dusro ko nicha dikhane ki unka apna dharm bhi is se alag nahi hai unch nich ki badi gandagi hindu dharm me bhari hai wo gandagi to saf nahi karte aur lag gaye musalmano ko nicha dikhane me
जवाब देंहटाएंsankirn mano varti ke vyakti har dharm me paida hote he aksar aise log jab dharm ke theke dar ban jate he to apne niji swarth ke lie dhrmopdesh ko apne hisab se tod marod dete he , chunki ye dharm me uncha pad rakhne vale hote he islie log unki baat ko maan bhi lete he , jaati waad aur chua chut bhi aise hi logo ki den he likin hindu bharma ke vastvik swarup me varn bhed ki koi jagah nahi aur nahi murti puja ki koi jagah he , vaidik kaal me balak ke varn ki ghoshna uske garu karte the , vo bhi uske karmo ke adhar pe jisme ki chua chut wali baat hi nahi thi, matra karyo ka awantan tha.Samya logo ko itna gyan hota to ank mund ke dharm pandito (sabhi dhamo ke)ki in swarth sidd purn ka anusharan nahi karte aur vishwa me shanti hoti.
हटाएंAaj mujhe garva hai apne hindu hone par,
जवाब देंहटाएंMai, us vedik sabhayta ka vanshaj hu jo sab ke bhagwan ke janam ka itihas janti hai, or kyo hua ye bhi janti hai. Aapka bahut-bahut shukriya hame ye jankari dene ke liye,
JaI MaHaKaL.
snsar me log aneko pakar ke kam karte he apne ahankar ke karn sabhiyta bhul jate hai kai bar to agan vs v ahankae ke karn apne parivar se bhi dur chale jate hai yah satiy hai ki shiv se pahle na koi tha jo shiv ji ke bhakt the bhagavan ne parsan hokar saktiya di thi bad me yohi shiv darohi ban gay lekin un ki sktiya ak nischit smy ke liye hai jitani bhakti logo ne ki hai bhagavan utana fal to dete hi hai ravan bali shukrachariy ye sab shiv bhakt the............hinduo ne hi apne lab ke liye hindu dharm ka patan kiya hai aaj ke neta bhi jo hindu hai vo bhi to yhi kam kar rhe hai jo purv ke hinduo ne kiya hai
जवाब देंहटाएंABHAR APKA TAHE DIL SE SANATAN DHARAM HI SABSE PURANA DHARAM HE
जवाब देंहटाएंसनातं धर्म को हो इश्लाम कहते है
हटाएंइसे फेसबुक पर डालिये
जवाब देंहटाएंवहा बहुत मुल्ले सिर खा रहे है
धन्यवाद
सब का मालिक एक है
जवाब देंहटाएंसब का मालिक एक है
जवाब देंहटाएंसबसे पहले में क्षमा मगता हु सबसे क्यों की में यह 1वर्ष बाद पढ़ रहा हु।
जवाब देंहटाएंहिन्दु ही सभी धर्मो की नाभि है।
हिन्दू ही समाजवादी है।
हिन्दू ही प्रेम का सागर है।
हिन्दू ही कल्याणकारी है।
हिन्दू ही पराक्रम है।
हिन्दू ही साहसी है।
हिन्दू ही सर्वलोक है।
धरती का हर एक अनु हिन्दू ही है।
क्योकि हिन्दू ही सब का साथी है।
हम मरे भी तो यहाँ कुछ नहीं छोड़ते
हमारा शारीर भी राख बनकर उड़ जाता है।
अस्थिया भी पानी मै बहाये जाती है।
फिर भी हम हिन्दू इसी धरती माँ पर ही प्रेम करते है उसके लिए मरते किन्तु किसीके आस्था को नहीं दुखाते।
लाख करलो प्रयत्न हिंदू को मिटाने की पर मिटा नहीं सकते
मिट जायेगा संसार किन्तु हिन्दू मिटेगा नहीं।
कट्टर हिन्दू मराठा... आकाश राजे
जवाब देंहटाएंहिन्दु ही सभी धर्मो की नाभि है।
हिन्दू ही समाजवादी है।
हिन्दू ही प्रेम का सागर है।
हिन्दू ही कल्याणकारी है।
हिन्दू ही पराक्रम है।
हिन्दू ही साहसी है।
हिन्दू ही सर्वलोक है।
धरती का हर एक अनु हिन्दू ही है।
क्योकि हिन्दू ही सब का साथी है।
हम मरे भी तो यहाँ कुछ नहीं छोड़ते
हमारा शारीर भी राख बनकर उड़ जाता है।
अस्थिया भी पानी मै बहाये जाती है।
फिर भी हम हिन्दू इसी धरती माँ पर ही प्रेम करते है उसके लिए मरते किन्तु किसीके आस्था को नहीं दुखाते।
लाख करलो प्रयत्न हिंदू को मिटाने की पर मिटा नहीं सकते
मिट जायेगा संसार किन्तु हिन्दू मिटेगा नहीं।
कट्टर हिन्दू मराठा... आकाश राजे
जी मै आप की बात से सहमत हुँ...
जवाब देंहटाएंऔर अरब देश मे मुकुट धनुष बाण.गदा.बांशुरी.आदि आदि का क्या संबंध जो कि यह परंपरा हिंदू की है और इनसे हमारा संबंध है पर मुसि्लम का क्या संबंध है जो आज भी अरब पर यह परंपरा है चलती है आज भी १०.१२वर्ष के छोटे छोटे बच्चे मुकुट .धनुष बाण बांसुरी गदा का प्रयोग नटाक(लीला) स्कूल (मदरसा) "कॉलेज पर करते है.
यह कटु सत्य है...
आज भी वहा मिनारो पर शिवलिंग का प्रातीक बनाया जाता है
जवाब देंहटाएंमै आपकी बात से सहमत हुँ
जवाब देंहटाएंMay to ek bat kahunga ki sabse pahele aap tayekik karo sahi sahi bate logo ku batao our quran padkar batao naki suni sunai bate kar ke kuch bhi kuch bhi galat halat likhdere
जवाब देंहटाएंSabse pavitra dharm islam hay
Isiliye aap sachai bayan karo naki kisse bhi sun liya our boldiye
धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंजय सनातन
जवाब देंहटाएंजय श्री राम जय हिंदुत्व जय भारत
जवाब देंहटाएंबहूत खूब ! किसी ने सही कहा है सांच को आँच नही , और ये अटल सत्य है ! " सत्य एकमं बिप्रहा बहुदा बिदन्ति "सत्य एक है मानने वाले भक्त अलग है जैसे भक्त पहलवान है तो भगवान हनुमान है.भक्त अगर आम है तो भगवान प्रभु श्री राम है , भक्त अगर जीव है तो भगवान शिव है ! और यही सत्य है भगवान की नजर मे राजा रंक सभी समान है भगवान इतने निर्दयी नही हो सकते जो कहे अपने धर्म विस्तार के लिय किसी का वध करो , किसी की निंदा करो, किसी पर हंसो ! और सबसे बड़ा धर्म वही है जो दूसरे धर्म की रक्षा करे सभी का सम्मान करे और इसको मानने वाले हिन्दू धर्म एक मिसाल है जहाँ पर सभी को बोलने का पूरा हक है !
जवाब देंहटाएंअगर इस्लाम शांति और अमन का संदेश देता है तो इतने आतंकवादी कहाँ से पैदा हो गये और ये शांति का संदेश इन्हें क्यों नही कोई बताता. अगर ये अमन की राह पर आ जायें तो पूरी दुनिया में अमन और शांति स्थापित हो जायेगी
जवाब देंहटाएंतभी मुस्लिम भाई ये कह सकते है की इस्लाम अमन और शांति का संदेश देता है
Hindu hone par grav hai
जवाब देंहटाएंअपने धर्म की तरह ही अवैज्ञानिक बातें करो तुम। पृथ्वी पर अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म 60 करोड़ वर्ष पुराना है। मनुष्य बहुत बाद में आया।
जवाब देंहटाएंजिस मूसा और दाऊद की तुम बात कर रहे हो वो यहूदी थे मुसलमान नहीं। जाओ जाके पता करो कि ईसाई और इस्लाम के पहले यहूदी धर्म आया है और उसी के धर्मग्रन्थ को नक़ल करके कुरान लिखा गया और ये सारे नवी उन्हीं से लिया गया है. ये आदम हौवा सब यहूदियों की कहानियों से ही लिया गया है बिलकुल हू-बहू।
जाओ जाके अपना ज्ञान बढ़ाओ। गलतफहमी दूर हो जाएगी।
good......
हटाएंअव्यलीकजी प्रशंसनीय लेख है आप का पक्ष भी मजबूत है निश्चित ही सत्यता से ओतप्रोत है ।
जवाब देंहटाएंहमारे मुश्लिम भाइयों से निवेदन है की औंछापन कर के कुछ ऐसा जाहिर न करें जिससे ये महसूस हो कि आप इस धरती पर अभद्र मूर्ख व् निरर्थक हैं ।
कुछ भी कहना हो तर्क के साथ प्रतिपादित करें अन्यथा आप की कोई आवश्यकता नहीं है ।
रजनीश शर्मा 'मार्तण्ड'
राष्ट्रीय सचिव
ए.डी.वि.एम्.एस
बहुत सही कहा आपने ये हिन्दुत्व के बारे में कुछ भी कह त देते हैं जिससे पता चलता है कि सच्चाई तो आलोचना के हथियार से काटना जोकि इनके मुल्ले अडिग रहते हैं।
हटाएंबहुत ही अच्छा लेख है देखते है कितने भटके रस्ते पर आते है।
जवाब देंहटाएंरामायण में सभी राक्षसों का वध हुआ था लेकिन💥
जवाब देंहटाएंसूर्पनखा का वध नहीं हुआ था
उसकी नाक और कान काट कर छोड़ दिया गया था ।
वह कपडे से अपने चेहरे को छुपा कर
रहती थी ।
रावन के मर जाने के बाद वह
अपने पति के साथ शुक्राचार्य के पास
गयी और जंगल में उनके आश्रम में रहने लगी ।
राक्षसों का वंश ख़त्म न
हो
इसलिए, शुक्राचार्य ने शिव
जी की आराधना की ।
शिव जी ने
अपना स्वरुप शिवलिंग शुक्राचार्य को दे कर
कहा की जिस दिन कोई "वैष्णव" इस पर
गंगा जल चढ़ा देगा उस दिन
राक्षसों का नाश हो जायेगा ।
उस आत्म
लिंग को शुक्राचार्य ने वैष्णव मतलब
हिन्दुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित
किया जो आज अरब में "मक्का मदीना" में है ।
सूर्पनखा जो उस समय चेहरा ढक कर
रहती थी वो परंपरा को उसके बच्चो ने
पूरा निभाया आज भी मुस्लिम औरतें
चेहरा ढकी रहती हैं ।
सूर्पनखा के वंसज
आज मुसलमान कहलाते हैं ।
क्युकी शुक्राचार्य ने इनको जीवन दान
दिया इस लिए ये शुक्रवार को विशेष
महत्त्व देते हैं ।
पूरी जानकारी तथ्यों पर आधारित सच है।⛳
जानिए इस्लाम केसे पैदा हुआ..
👉असल में इस्लाम कोई धर्म नहीं है .एक मजहब है..
दिनचर्या है..
👉मजहब का मतलब अपने कबीलों के
गिरोह को बढ़ाना..
👉यह बात सब जानते है कि मोहम्मदी मूलरूप से
अरब वासी है ।
👉अरब देशो में सिर्फ रेगिस्तान पाया जाता है.
वहां जंगल
नहीं है, पेड़ नहीं है. इसीलिए वहां मरने के बाद जलाने
के
लिए लकड़ी न होने के कारण ज़मीन में दफ़न कर
दिया जाता था.
👉रेगिस्तान में हरीयाली नहीं होती.. एसे में रेगिस्तान
में
हरा चटक रंग देखकर इंसान चला आता जो की सूचक
का काम करता था..
👉अरब देशो में लोग रेगिस्तान में तेज़ धुप में सफ़र करते थे,
इसीलिए वहां के लोग सिर को ढकने के लिए
टोपी 💂पहनते थे.
जिससे की लोग बीमार न पड़े.
👉अब रेगिस्तान में खेत तो नहीं थे, न फल, तो खाने के
लिए वहा अनाज नहीं होता था. इसीलिए वहा के
लोग
🐑🐃🐄🐐🐖जानवरों को काट कर खाते थे. और अपनी भूख मिटाने के
लिए इसे क़ुर्बानी का नाम दिया गया.
👉रेगिस्तान में पानी की बहुत कमी रहती थी,💧 इसीलिए
लिंग (मुत्रमार्ग) साफ़ करने में पानी बर्बाद न
हो जाये
इसीलिए लोग खतना (अगला हिस्सा काट देना ) कराते
थे.
👉सब लोग एक ही कबिले के खानाबदोश होते थे इसलिए
आपस में भाई बहन ही निकाह कर लेते थे|
👉रेगिस्तान में मिट्टी मिलती नहीं थी मुर्ती बनाने
को इसलिए मुर्ती पुजा नहीं करते थे|
खानाबदोश थे ,
👉 एक जगह से दुसरी जगह
जाना पड़ता था इसलिए कम बर्तन रखते थे और एक
थाली नें पांच लोग खाते थे|
👉कबीले की अधिक से अधिक संख्या बढ़े इसलिए हर एक
को चार बीवी रखने की इज़ाजत दि..
🔥अब समझे इस्लाम कोई धर्म नहीं मात्र एक कबीला है..
और इसके नियम असल में इनकी दिनचर्या है|
नोट : पोस्ट पढ़के इसके बारे में सोचो.
#इस्लाम_की_सच्चाई
अगर हर हिँदू माँ-बाप अपने बच्चों को बताए कि अजमेर दरगाह वाले ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने किस तरह इस्लाम कबूल ना करने पर पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेँक दिया था और फिर किस तरह पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने आत्मघाती बनकर मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा थातो शायद ही कोई हिँदू उस मुल्ले की कब्र पर माथा पटकने जाए
"अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती को ९० लाख हिंदुओं को इस्लाम में लाने का गौरव प्राप्त है. मोइनुद्दीन चिश्ती ने ही मोहम्मद गोरी को भारत लूटने के लिए उकसाया और आमंत्रित किया था... (सन्दर्भ - उर्दू अखबार "पाक एक्सप्रेस, न्यूयार्क १४ मई २०१२).
अधिकांश मुर्दा हिन्दू तो शेयर भी नहीं करेंगे,,धिक्कार है ऐसे हिन्दुओ पर
very true comment
हटाएंये सच मेरे पिता जी ९०वर्षीय बताते हैं आप के लेख से और स्पस्ट हो गया।
हटाएंमक्का में एक जगह एेसा भी कहानी बताया जाता है जहाँ पानी लेना वर्जित है यदि कोई पानी दे दिया तो बहुत बुरा होगा होगा कृपया इस दृष्टांत के बार कुछ तर्कसंगत तथ्य सर्च करें ।
हिन्दुत्व अजर अमर है था व रहेगा.
https://vijayrampatrika.wordpress.com/2014/09/09/hinduism_-the-worlds-oldest-religions/
जवाब देंहटाएंहिंदू धर्म जिसको संस्कृत मे सनातन धर्म भी बोलते हैं. जिसकी उत्पत्ति इस ब्राम्हांड के साथ ही हो जाती है. जीतने लोग इस पृथ्वी पर है उन्होने हिंदू धर्म से कॉनवर्ट होकर मुस्लिम, सिख, इसाई आदि ट्रॅडिसेन को अपनाया हैं. वास्तव मे हिंदू धर्म के अलावा जीतने भी धर्म है इस दुनिया मे वो धर्म नही ट्रॅडिसेन है.
जवाब देंहटाएंआपसे आंशिक रूप से सहमत हु जिस प्रकार सनातन धर्म में कुरीतियों ने स्थान लिया फिर उनको दूर करने के लिए अवतार हुए यानिधर्म की पुनर्स्थापना के लिये जैसेकि गीता में एक श्लोकः हैजिसका अर्थ लिख रहा हु
हटाएंजब जब भरतवर्ष में धर्म की हानि होती है तब तब धर्म की स्थापना के लिए बार बार मैं यहाँ आता हु
ये शाब्दिक अर्थ है
सही अर्थ ये हैकि इसमें ईश्वर अपने अवतार या दूत या प्रतिनिधि जो भी आपमाने उनके द्वारा ये सन्देश देता है की जब भी धर्म के मूल स्वरुप जैसापरमेश्वर ने अपने भक्तो या बन्दों के लिए चुना स्वार्थी लोगो द्वारा स्वम के लाभ के लिए परिवर्तित कर लिया जाता है तो मानव जाति को वास्तविक धर्म बताने के लिए मैं(अवतार या देवदूत या पैगम्बर) दुनिया में आता हु
यहाँ एक बात और बता दू किसी भी अवतार ने अपनी पूजा के लिए कभी नही कहा धरती केवल भारत में रहने वालो की नही बल्कि उन सुदूर देशों यानि भू भागो के लिए भी है
परमेश्वर ने हर प्रदेश में अपने पैगम्बर भेजे
और इस पेज के लिखने वाले महापुरुष को कौन समझाए की अमेरिका जा के संस्क्रत बोलने से वहां के मूल निवासियो को समझ नहीं आएगा
इसलिए हर जगह वहां जो भेजे गए थे संदेशक, उन्होंने उस काल।की मूल।भाषा में उपदेश यानि सन्देश दिए
हम मुस्लिम बस ये मानते है की मुहम्मद p b u h अंतिम संदेशक थे ऊपर वाले के उस से पहले भारत में भी कई संदेशक आये होंगे और धर्म को उसके मूल स्वरुप में स्थापित किया
आप मानते हो की 5 से 6 हज़ार सालो से कोई नही आया
हम मानते है की 4थीं सदी में आये और न अब कोई और आएगा
आप मानते हो की अभी एक अवतार और होगा जो हाथ में तलवार लेकर घोड़े पे सवार हो कर धर्म के लिए लड़ेगा
हम मानते है की वो मुहम्मद के नाम से दुनिया में जाने जाते है जिन्होने धर्म की कुरीतियों के लिए युद्ध किया तलवार से और घोड़े पे सवार हो कर किया
हम उनके ही उपदेश मानते है और पहले की किताबो को उनके कहने से ख़ारिज कर देते है क्योकि उनमे मिलावट हो चुकी है
अगर आप आज भी ये उम्मीद करते हो की परमाणू युग में तलवार और सवारीमें घोड़े का प्रयोग होगा तो आपके विश्वास को प्रणाम है
कुल मिला के कहना यही चाहता हुकि जिसे आप सनातन धर्म।बोल रहे हो उसे ही हम इस्लाम कहते है और आप हिन्दू धर्म
परमात्मा किसी विशेष क्षेत्र के लिए नही जो केवल एक भो भाग पे अपनी कृपा दृस्टि रक्खे
वो सबका है
me apki bat se sahmat hu ye log aaj bhi shivji ko mante hai kyonki makka madiname koi dargah nahi balki shivling hai or ye log usko bahut mante hai
जवाब देंहटाएंRt
जवाब देंहटाएंभाइयों मै किसी भी धर्म का विरोध या समर्थन नहीं करूँगा और मै चाहूँगा की जो सबूत भाई साहब ने दिए है उसकी प्रामाणिकता सिद्ध करने हेतु खुल कर मीडिया में आना चाहिए और जहाँ तक मेरा विचार है हर व्यकति में इंसानियत नाम की कोई चीज होनी चाहिए इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है दुनिया में जो खून खराबा जारी है उसे रोकना ही सबसे बड़ा धर्म है
जवाब देंहटाएंमें ये साबित कर सकता हु। इस पोस्ट में सिवाए मूर्खता और मनगढ़त बातो के और कुछ भी नहीं है।
जवाब देंहटाएंto sabit kar do bhai hamne kaha roka hai
हटाएंवाह वाह। मॉडरेशन लगा रखा है। तो जो में साबित भी कर दूंगा। तब भी तुम मेरी कमेंट नहीं दिखाओगे। क्यों की तुम इस्लाम विरोधी हो। तुम्हे सत्य नहीं जान'ना बल्कि केवल अपना धर्म आगे बढ़ाना है।
जवाब देंहटाएंUllu hai aap
हटाएंHindu dharm se dunia suru h;hindu dharm se dunia khatm h.
जवाब देंहटाएंAap ka bahut bahut dhanyewaad jo hamari aankhe khool di.
Hindu dharm se dunia suru h;hindu dharm se dunia khatm h.
जवाब देंहटाएंAap ka bahut bahut dhanyewaad jo hamari aankhe khool di.
मॉडरेशन मैंने सिर्फ अश्लील शब्दों को रोकने के लिए लगाया है विचारों या तथ्यों को रोकने के लिए नहीं। आप जो भी प्रमाण देना चाहते हैं वो दे सकते हैं मैं उसे जरूर प्रकाशित करूँगा।
जवाब देंहटाएंTo janab aapko ye kaise pata chala ki yahan par Hindu se jyada musalman ke comment aa rahe hain jabki hame to jyadatar Hindu bhai ke comment hi dikh rahe hain iska matlab aap saare comment post nahi kar rahe aur khaskar Jo aapko galat sabit kare
हटाएंमॉडरेशन मैंने सिर्फ अश्लील शब्दों को रोकने के लिए लगाया है विचारों या तथ्यों को रोकने के लिए नहीं। आप जो भी प्रमाण देना चाहते हैं वो दे सकते हैं मैं उसे जरूर प्रकाशित करूँगा।
जवाब देंहटाएंन जाने क्यों ये इस्लाम धर्म को इतना फैला रहे है। । क्या जरुरत है। अगर आप मानवता का सन्देश देते तो आपको जबरन इस्लाम धर्म न फैलाना पड़ता।
जवाब देंहटाएं।
कुरान की आयातों को पढो किआ तुमको पता है काबा शरीफ में कुछ भी नही है वह बिलकुल खाली है एक बड़े हाल की तरह
जवाब देंहटाएंउसकी दीवारों पर कुरान की आयात लिखी हुई है
जिस पत्थर को तुम लोग शिव लिंग कहते हो वह पत्थर संग ए अस्वद है
रही बात मुहम्मद साहब से पहले कौन सा धरम था तो सुनो यहूदी धरम था जो बुत परस्त था यानि मूर्ती पूजा करता था
मुहम्मद साहब के आने से पहले औरतो को बहुत तकलीफे दी जाती थी जैसे पैदा होते ही मार दिया जाता था
औरत के पति मर जाते थे तो उस औरत को भी उसी आग में डाल दिया जाता था जिसमे उसका पति जलाया गया था
लेकिन मुहम्मद साहब ने इन बहुत सी बुरइयो को ख़तम किआ
मुहम्मद साहब ने इश्वर का मंदिर दिल में बनाने का हुक्म दिया यानि मूर्ती पूजा को ख़तम किआ
काबा हमारा अल्लाह नही है अल्लाह के लिए इबादत करने की जगह है
और इबादत करने की जगह को साफ़ सुथरा रखना हमारा काम है इसलिए काबे पर लिहाफ चढ़ाया जाता है
किओ की मुहम्मद साहब ने जिस जगा ह पर इबादत की वह हमारे लिए इबादत के लिए बेहतर है
इस्लाम में ही काली के औतार भी आये
जिसे हम सब मुहम्मद कहते है
किआ अब इस युग में तलवार तीर धनुस बाण का युग है वह सब पीछे निकल चूका है
अब बाम एटम बम हवाई जंगी जहाजो से जंग परमाणू बाम अनु बाम
ए के ४७ ए के ५६ रैफाले और न जाने कौन कौन से हथियार है जंग करने के लिए
जागो हिन्दू जागो
हमें अपने भविश्य पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए । पृकृति में जब असंतुलन बढ़ जाता है । तो सब विनाश हो जाता है। सत्य को नकारे नही स्वीकार करे।
जवाब देंहटाएंपहले इसलाम पर शोध कर फिर ईसलाम पर लिख मुझे यकीन है तु मुसलमान हो जायेगा
जवाब देंहटाएंBHai in sab baaton mein kya rakha h.. sab insaan to ho na.. aisi cheezon pe lad rhe ho. jo hai bhi ki nahi iska bhi ni pata..
जवाब देंहटाएंSansar ka pehla vyakti maanu tha jo ek hindu aur bhagwan surya ka putra tha.
जवाब देंहटाएंश्री मान जी आपने जो जानकारी दी है उसका सीधा जवाब किसी के पास भी नहीं है क्योंकि यही सच्चाई है अब इसे स्वीकार करें या अस्वीकार करें पर वास्तव में सचाई यही है।
जवाब देंहटाएंस्वीकार कर लिया जीकि आप ही 10वे अवतार हो
हटाएंआपतीनो लोगो का हाल जानते हो
ईश्वर एक नाम अनेक.
जवाब देंहटाएं2. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है.
3. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें.
4. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर.
5. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है.
6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं.
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है.
8. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है.
9. स्त्री आदरणीय है.
10. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है.
11. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में.
12. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता.
13. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी.
14. आत्मा अजर-अमर है.
15. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र.
16. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं.
17. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है.
18. हिन्दुत्व एकत्व का दर्शन है।
ईश्वर एक नाम अनेक.
जवाब देंहटाएं2. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है.
3. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें.
4. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर.
5. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है.
6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं.
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है.
8. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है.
9. स्त्री आदरणीय है.
10. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है.
11. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में.
12. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता.
13. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी.
14. आत्मा अजर-अमर है.
15. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र.
16. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं.
17. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है.
18. हिन्दुत्व एकत्व का दर्शन है।
Ek bahut hi behtarin lekh likha hai aapne. Hindu koi dharm nahi hai. Ye to Sanatan dharm hai. Aap sabhi phir se yaad dilwaya hai aapne dharm ke bare me. Bahut behtarin.
जवाब देंहटाएंमोईनुद्दीन चिश्ती ने इस्लाम कबूल ना करने पर पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेँक दिया था और फिर पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने आत्मघाती बनकर मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा था
जवाब देंहटाएंये जानकारी महान पेज fb या व्हाट्सएप्प से मिली होगी
हटाएंएक बार प्रतविराज रासो भी उठा के देख लेते ज्ञानी महाराज
कि जोगप्प पसंद आएगी उसे ही सच माल लोग
Muhamad Garui the jo sanyogita ko lekar gaye the mere dost pehle history ko acche se padh to lo
हटाएंTUMHARE LIKHE GAYE LEKH KE ANUSAAR MOINUDDIN CHISTI NE AISA KIYA HOGA TO WO GHALAT KIYA YE MUSLIM DHARM(ISLAM) KAHTA HAI KYON KI HAMARA ISLAM KISI KO MUSLIM BANANE KE LIYE USE MAJBOOR KARNE KI IJAZAT NAHI DETA HAI,
हटाएंजागो हिन्दू जागो
जवाब देंहटाएंजागो हिन्दू जागो
जवाब देंहटाएंI can prove How other human crated religions all are phelosophy..........I ask How you got? ki pahla insaan muslim tha. uska naam adaam tha. He was sanatan. Islam is philosophy. Some people see it as religion..... and they all are misguided. Becoz god never create double standard.......... It is something like that. Shri Krishna was from yadav family....... but he never told yadav is a religion......Same Shri Ram was Suryabans, but never told Suryabans is religion...... there was only one religion from the beginning of earth,SANATAN. Only Holy books from god.....Vedas. Only Human on earth from the beginning of earth..... Shri Manuh(some people know him as adaam). Manuh smiriti is the proof that he was Sanatan. Only language of god Sanskrit..........yes, you are absolutely right 'god is one'..........ऊँ......the word. that shows Creator, Operator, Destroyer.
जवाब देंहटाएं.
The problem is that........why on the name of god........terrorism......generates? Becoz they are following Philosophy Rather than dharma. Becoz they are following Human centered religion not God centered. They are presenting a caste as religion.
.
Wow kya khoob samjhaya he aapne phir bhi dekho 2 billions se zyada muslim he dunia me kaise zara samjahyenge
हटाएं.
जवाब देंहटाएंor ha mai ye nahi kah raha tum kisi ko follow na karo......besak follow everyone who teach you good lesson. .. but don't give it a name of religion.......... Its create double standard..... everyone knows that. God is one. One Dharma. One word.......now some incidents or copy whatever, in Islam and Christianity by Sanatan dharma. . They prey namaaj same to same as Hindus do Prabhat bandana. by joining both hands. .. History of Quran writing Jibrael passed the massage to Mohammad in dream......and He write it by the help of his follows... Same in sanatan Ramayana Was written by Balmiki by the help oh Shree ganesha......... Shri Brahma dreams Maharishi Balmiki, Jeewan charitra Of Shri Ram. And he don't write itself, but by the help of Shri Ganesha. . Mohammad was not literate also Balmiki was not literate until he received massage of god. . Muslims do parikrama in kaba in anti clock wise. We sanatan always make facility to do it seven time clockwise. . In Quran mentioned development of embryo (embryology). In Vedas there are many shlokas represents it. also In sanatan dharma...... many types of shastras related to maths, astronomy, science, medicine. . Now coming to Christianity and Isha Masheeh . Once maseeh make alive some died people Same Shri ram make alive, a woman from stone. . They say Maseeh was not born by sexual activities. His mother mariyam was virgin pure. Same the four son Of Dasharatha Was born by yajna......or Brdana. . they say when Maseeh was few days old, He spoked. Same when Shri Krishna was playing, He saw his mother, whole universe on his mouth..... . They say Maseeh was not died. He was accepted by god with His physical body. Same In Mahabharata Elder brother of Pandawas, Yudhisthir was not died, He entered in heaven with his body. Same Shri Ram not died.....He took samaadhi in saryu river. . In Christianity and Islam they call Adam was his first prophet, and first human of earth. also in Sanatan We said Maharaj Manuh was first human on earth. And Every scholar accept, that, the adam-adaam-Manuh is same person. . and his Original name was Manuh. And He was Sanatan........... Now you will say how you can say he is Sanatan? . search scriptures The मनुः स्मृति by manuh written in Sanskrit.(Dev vani).....that concern to Sanatan. Also your great scholar Jakir Naik use Sanatan's Vedas, Puranas, Manuh smiriti as reference books.......Now the question is. If first human on earth was a Sanatan. First scriptures of religion are Vedas. First language on earth Sanskrit...... everything provided as Sanatan by god, Is God also made these earlier religions? Answer is No. Why God will generate double standard...... As God know Human will do sin on the name of god. They will fight each other on the name of god and religion........... Even a general human kind think ten time, before making his house...........And you can see also what's going on by these Human centered religion...... they can't pray together, they can't tolerate others. History is proof for these religions...... ..Hitlor...Gouri. Gajnabi. Aurangzeb.. .....they all killed innocent people on the name of religion.............. If you see the history of Sanatan background........You will not found even a single example..... anyone fought and kill a person because he worship in other way........ there were wars too in Sanatan...... But for Pride, For national issues, For Social issues. For Human Rights .......... .......सनातन परमो धर्मः जो अनादि और अनंत है I परमात्मा खुद इसका संरक्छ्क् है!
One thing also I found about you guys...... you fear from god...... because your scriptures teach you to fear. The fear of jannat and jahannum....... but I love My god....My scriptures teach me, for karma. Anyone can gain Mukti by Karmyog...... which is much better than heaven-swarga-jannat......Mukti mean free from cycle of life and death.........and you can't get it until you don't free from lust of heaven or anything......... But you people only learn . . I should do things for heaven, I don't have to do this...otherwise will go to hell.......
जवाब देंहटाएंactually these are not from internet dear.......I challange if you can prove me The first person was a Christian or Muslim? I debated with my close friend on this topic....and he have much knoledge about religion.....follower of Mohammad an zakir naik too, Everytime He said only one word Yes I am Sanatan but muslim too. you are free to inbox me also........If you think anyone has perfect knowledge about religion..... you can ask him. Go and search history........even you are a sanatan...... because your grands are concern from this. ......and Mr. Nausad shiekh........ This type of philosophy is easy for geniouses......... Even I can say now......If you are Indian your Grand father's father were also a Hindu. Until they didn't converted forcefully or fearfully....... Go and search your family history first. Absolutely you will find me correct......... but your mindset will not allow you to accept it.............when you will find your results..... You will say yourself.... Like my friend...... Yes I am Sanatan and muslim too..
I am not judging or comparing....... What now a days Christian and muslims use to convert people...... those are innocent and Not educated......they explain the fear of jahannum and...........I want to say those people. You Have destroyed dharma yourself and doing same with others. Its not good. Or ek chij darne se achha he pyar karna. A person could more attached to other one rather his family mamber, friends. He can know more about other one. by loving them not by fear of them.....same case if you love parmatma. you will know more about your god. you will be more close to the great soul.
.
Or yadi Aap jabab pa lete he ki Christian ya islam hi dharti ki suruaat se he to besak Aap fb per inbox kar sakte he......J.K. Pushpendra Jaiswal search karke.......yadi Yaha Aapko lagta he ki aapka msg prakashit nahi kia ka raha he.......
Jo Mohammad ko kalki avatar maan kar bhramit ho gye he or dusro ko bahka rahe he unhe jyada Aaja milegi......kyuki Pahli baat Avatar ka janam Kalyug ke ant me hoga....Jo abhi se Hajaro saal baad he.....Or kalki avatar Apne mool dharm ko palan karega....sanatan dharm......Jab kalki avatar aayege....tab dharti paap mukt ho jayegi or Fir se Satyug ka aarambh hoga......Jo ki Mohammad ke baad aisa kuchh bhi nahi hua....balki nirantar paap badhta hi ka raha he....Jo ki unke apne log jyada kar rahe he........last or sabse aham baat......Jo jakir naik aksar bhole bhale logo ko bolkar bahkata he......ka kya Aapko lagta he ki is missiles, guns, rocket ke time me Koi talwar teer dhanush se ladai karne aayege......To uska jabab yahi he......Jisko khichi gi mamooli si rekha se Ravan jaisa mahabali seeta mata ko nahi chho saka.....jiski ek langh samudra ko naak jaye.....Jiski charan raj se patthar me jaan Aa jaye....Jo khel khel me kalia naag ko nath de.....Jo apne mukh me bramhand dikha de.....Jiske teer se samudra sukh jaye.....Jo samast jag ko chalane bala he.....uske liye ye missile... Guns... Bombs tinka masalne jaisi he........सनातन परमोधर्मः
जवाब देंहटाएंEk baat bata jab ravan ne sita mata ko chhua bhi nhi tha to ram ne use kyon chhod diya
हटाएंइस्लाम धर्म का जन्म इंसानियत की भलाई के लिए हुआ और मुहम्मद पैगम्बर यह आखरी पैगम्बर थे और यह सत्य है की मुहम्मद पैगम्बर साहब ने मूर्ति पूजा का विरोध किया कारन मनुष्य हर किसीकी पूजा करता हमारे पैगम्बर साहब ने उनकी खुद्की पूजा करने से मनाह किया यह उनका अपना आदेश है की अल्लाह एक है और ओ निराकार है ओ न हाथी है ना घोड़े की शक्ल का ना परिंदे की शक्ल का है ओ नीरा कार है हमारे पैगम्बर ने जो कहा ओ आज सब दिखाई देरहा है रही हिन्दू मुस्लमान की बात तो आप अपने हिसाब से सोचो हमें कुछ फर्क नहीं इस्लाम में सब एक समान है पर हिंदुओंमें ऐसा नहीं आमिर के लिए अलग लाइन गरिबोकि अलग निचली जाती को मंदिरो में प्रवेश नहीं इन सब बातो को छोड़ कर मानव जाती को एक सूत्र में बांधने का नाम इस्लाम है बस पर आज कल मुसलमान मुहम्मद पैगम्बर साहब ने बताई बातो से भटक गया है इसलिए आप को ऐसा लगता है क्यू की आज आप आतंकी इस्लाम को देख रहे हो बस मई इतना ही कहुगा की हर मजहब ने मानव जाती की सुरक्षा की भलाई के लिए अल्लाह भगवान गॉड के नामो का उपयोग किया है अच्छाई की तो जन्नत स्वर्ग मिलेगा बुरा करोगे तो जहन्नुम नर्क इन शब्दों का उपयोग किया है
जवाब देंहटाएंAur ha bhai vo aatanki nhi hai apna haq maang rhe hai aatanki to unhe media ne banaya hai.
हटाएंइस्लाम धर्म का जन्म इंसानियत की भलाई के लिए हुआ और मुहम्मद पैगम्बर यह आखरी पैगम्बर थे और यह सत्य है की मुहम्मद पैगम्बर साहब ने मूर्ति पूजा का विरोध किया कारन मनुष्य हर किसीकी पूजा करता हमारे पैगम्बर साहब ने उनकी खुद्की पूजा करने से मनाह किया यह उनका अपना आदेश है की अल्लाह एक है और ओ निराकार है ओ न हाथी है ना घोड़े की शक्ल का ना परिंदे की शक्ल का है ओ नीरा कार है हमारे पैगम्बर ने जो कहा ओ आज सब दिखाई देरहा है रही हिन्दू मुस्लमान की बात तो आप अपने हिसाब से सोचो हमें कुछ फर्क नहीं इस्लाम में सब एक समान है पर हिंदुओंमें ऐसा नहीं आमिर के लिए अलग लाइन गरिबोकि अलग निचली जाती को मंदिरो में प्रवेश नहीं इन सब बातो को छोड़ कर मानव जाती को एक सूत्र में बांधने का नाम इस्लाम है बस पर आज कल मुसलमान मुहम्मद पैगम्बर साहब ने बताई बातो से भटक गया है इसलिए आप को ऐसा लगता है क्यू की आज आप आतंकी इस्लाम को देख रहे हो बस मई इतना ही कहुगा की हर मजहब ने मानव जाती की सुरक्षा की भलाई के लिए अल्लाह भगवान गॉड के नामो का उपयोग किया है अच्छाई की तो जन्नत स्वर्ग मिलेगा बुरा करोगे तो जहन्नुम नर्क इन शब्दों का उपयोग किया है
जवाब देंहटाएंमुसलमानों में जाति विभेदः 1901 की बंगाल
हटाएंप्राविंस की जनगणना की रिपोर्ट में मुसलमानों में
जाति विभाजनों का उल्लेख आया था। ’’मुसलमान
अपने आप में दो मुख्य विभाजन मानते हैंः 1. अशरफ
या शारक और 2. अजलफ। अशरफ का अर्थ है
’’कुलीन’’ और अपने में सभी असंदिग्ध विदेशियों एवं
उंचेे हिंदू जाति के परिवर्तितों के वंशजों को
समाहित करते हैं। अन्य दूसरे मुस्लिमों में व्यवसायिक
समुदाय और सभी निचले दर्जे के परिवर्तितों
’’अछूतों’’ को अजलफ के नाम से जाना गया। अजलफ
के मायने हैं ’’नीच या दरिद्र’’ लोग, उन्हें ’’कमीन’’ या
’’इतर’’ भी कहा गया है, ’’बेस’’ या राशिद रिजाल
का अपभ्रंश अर्थात् ’’अर्थहीन’’। कुछ जगहों में
तीसरा दर्जा भी जुड़ा है जिसे ’’अरजिल’’ या ’’सबसे
नीच’’ कहा गया है। उनके साथ कोई मुसलमान संबंध
नहीं रखेगा, उनका मसजिदों में प्रवेश निषिद्ध है
और उनको आम कब्रस्थान का भी निषेध है। इन तीन
प्रमुख खंड़ों के तहत अनेक जातियां हिंदुओं के समान
ही होती हैं।
अशरफ मुसलमानों को सईद, शेख, पठान, मुगल, मलिक,
मिर्जा की तरह सूचिबद्ध किया गया और अजलफ
मुसलमानों में किसान एवं कारीगरों की अनेक
बहुलता जैसे दर्जी, जुलाहा, फकीर, हज्जाम,
मदारिया, दाई आदि सम्मलित हैं। अरजल में बानर,
हलालखोर, हिरजा, कश्बी, लालबेसी, मौजिया
और मकलर हैं।
अम्बेडकर ने अपने आलेख ’’पाकिस्तान एण्ड मलैसी,
सोसियल स्टेगनेशन’’ में बतलाया है उपर के आंकड़ों
को उद्धत करते हुए कि ’’उसी प्रकार के प्रमाण
भारत के अन्य प्रदेशों से जनगणनाओं से इक्टठे किए
जा सकते हैं और उनके संदर्भ लिए जा सकते हैं। परंतु
बंगाल के आंकड़े पर्याप्त हैं यह बतलाने के लिए कि
मुसलमान न केवल जात मानते हैं वरन् अछूतों को भी
मानते हैं।
आपनै बहुत सही कहा है मि. फैयाज भाई ।।। ईस्लाम है तो सही पर इसको बदनाम करने का काम भी बहुत मुस्लिम शासको ने किया जो लोगो से जबरन ईस्लाम कबूल कराना ,मारना लुट पाट करना ।।।। अब भारत मे ही देख लो ।।।।।।
हटाएंISLAM ME SAB EK HAI TO FIR SUNNI SHIYA KI MASJID ME KYU NAHI JAATE AUR SHIYA SUNNI KI MASJID ME KYU NAHI NAMAJ PADHTE..........HINDU TO DAKSHIN, UTTAR,PURAB YA PASHIM KAHI KA BHI HO KISI BHI MANDIR ME MATTHA TEK LETA HAI. UUCH NICH YA JATI KA BHEDBAV JO BHI HINDU DHARM ME HAI WO 17 SHATABDI ME ASHIKSHA KE KARAN UTPANN HUA, SHURU SE KABHI NAHI THA.
हटाएंहिंदुओंमें अनगिनत देवि देवता अनेक जाति में बंटे हुऐ है फिर भी मंदिर में कोई भी जा सकता है।
हटाएंइस्लाम धर्म में अल्लाह एक फिर भी मुस्लिम 72 फिरके में बंटे हुए है और सभि एक दुसरे के दुसमन एक दुसरे के मशजिद भी नहीं जाते। तो फिर इस्लाम में सब एक समान है । ईसाई मे भी उसि तरह 5 फिरके वे भी एक दुसरे के चर्च में नहीं जाते हैं।
आपके ओजस्वी पूर्ण लेख ने मेरी तो आँखें खोल दीं, अब देखना है की कितने लोग जाग पाते हैं?
जवाब देंहटाएंजागो हिन्दू जागो !!!
बोलो सनातन धर्म की ! जय हो !!!
Aap jago ya na jaago Lakin all world me 2 billions se zyada to log jaag chuke he jaago hindu jaago
हटाएंHINDU , HINDU KAUN SA SHABD HAI KAHAN SE AAYA RIGA VEDA, YAJURVA VEDA, SAMA VEDA, ATHARVA VEDA IN CHARO KITABON ME HINDU SHABB DHOOND KAR DIKHAAO PHIR KAHO JAI HINDI JAI BHARAT
हटाएंTHEEK HAI TUM JO SAMAJH RAHE HO SAMJHO KISI BHI MUSLIM JO BATANA HO BATAO LEKIN SIRF APNE DHARM KE BAARE ME BATAO MUSLIM DHARM KE BAARE ME GHALAT SHABD ISTEMAAL MAT KARNA ISME TUMHARI BHALAI HAI
हटाएंWah bhai wah
जवाब देंहटाएंसारी दुनिया के लिये सिरदर्द बननेवाला धर्म कोई धर्मभी हो सकता है । दहशदगर्दीका दुसरा नाम इस्लाम है ।
जवाब देंहटाएंमुसलमानों में जाति विभेदः 1901 की बंगाल
जवाब देंहटाएंप्राविंस की जनगणना की रिपोर्ट में मुसलमानों में
जाति विभाजनों का उल्लेख आया था। ’’मुसलमान
अपने आप में दो मुख्य विभाजन मानते हैंः 1. अशरफ
या शारक और 2. अजलफ। अशरफ का अर्थ है
’’कुलीन’’ और अपने में सभी असंदिग्ध विदेशियों एवं
उंचेे हिंदू जाति के परिवर्तितों के वंशजों को
समाहित करते हैं। अन्य दूसरे मुस्लिमों में व्यवसायिक
समुदाय और सभी निचले दर्जे के परिवर्तितों
’’अछूतों’’ को अजलफ के नाम से जाना गया। अजलफ
के मायने हैं ’’नीच या दरिद्र’’ लोग, उन्हें ’’कमीन’’ या
’’इतर’’ भी कहा गया है, ’’बेस’’ या राशिद रिजाल
का अपभ्रंश अर्थात् ’’अर्थहीन’’। कुछ जगहों में
तीसरा दर्जा भी जुड़ा है जिसे ’’अरजिल’’ या ’’सबसे
नीच’’ कहा गया है। उनके साथ कोई मुसलमान संबंध
नहीं रखेगा, उनका मसजिदों में प्रवेश निषिद्ध है
और उनको आम कब्रस्थान का भी निषेध है। इन तीन
प्रमुख खंड़ों के तहत अनेक जातियां हिंदुओं के समान
ही होती हैं।
अशरफ मुसलमानों को सईद, शेख, पठान, मुगल, मलिक,
मिर्जा की तरह सूचिबद्ध किया गया और अजलफ
मुसलमानों में किसान एवं कारीगरों की अनेक
बहुलता जैसे दर्जी, जुलाहा, फकीर, हज्जाम,
मदारिया, दाई आदि सम्मलित हैं। अरजल में बानर,
हलालखोर, हिरजा, कश्बी, लालबेसी, मौजिया
और मकलर हैं।
अम्बेडकर ने अपने आलेख ’’पाकिस्तान एण्ड मलैसी,
सोसियल स्टेगनेशन’’ में बतलाया है उपर के आंकड़ों
को उद्धत करते हुए कि ’’उसी प्रकार के प्रमाण
भारत के अन्य प्रदेशों से जनगणनाओं से इक्टठे किए
जा सकते हैं और उनके संदर्भ लिए जा सकते हैं। परंतु
बंगाल के आंकड़े पर्याप्त हैं यह बतलाने के लिए कि
मुसलमान न केवल जात मानते हैं वरन् अछूतों को भी
मानते हैं।
तुने जो कह रहा याकिनन पब्लिसिटी पाने कि तेरी बेकार कोशिश थी इतना हि सच्चा हिंदू है तो साले घर मे आराम से क्यू बैठा उठ हराम खोर विदेश जा कर अपने धर्म की सच्चाई बता लोगो को तेरे धर्म से जोड
जवाब देंहटाएंयहा बैठे बैठे इस्लाम कि बुराई कर रहा है
Koi kahta hai ravan ne kaba mein shivling sthapit kiya koi kahta hai shukracharya ne kiya saale dange karwane wale hinduo pahle ek baat par to ekmat ho jao dusre dharmo ki burai baad mein karte rahna.
जवाब देंहटाएंअरे यार इस्लाम की शुरूआत तौ अभी सातवी शताबदी मे सन 622 ई. मे हुई है ना ।। फिर इतनी बहस क्यो ।
जवाब देंहटाएंसबसे पुराना धर्म है हिन्दु लगभग 7000साल से भी ज्झादा पुराना
फिर जैन फिर बौद्ध । इसके समकालिन यहुदी जिसमे हजरत मूसा आये ।। इसके बाद ईसाई 1 ई. मे । और फिर 500 साल बाद 6 शताब्दी मे मो. साहब आए ।।।जिन्होने इस्राम की स्थापना की ।।।।
😤😒😏😏😖😓😎पेहले तो मेरे बदअक्ल हिंदू लंड की पूजा करो
जवाब देंहटाएंजब इस्लाम को जाँजओ गे तो इस्मेकीये शिव
का लंड नहीँ पूजौगे और मेने पढ़ा है की उसने एक हज़ार साल सम्भोग किया है तो तो पर्वाति की चूत का किया हाल हैं पता किया किसी हिंदू ने इस्लाम क पता लगा रहे हैं वो तो आज भी शिव रात्रि पर कुंवारी से ही पूजा
मुस्लिम भाई मुझे यह बताये की इस्लाम धर्म को मुहम्मद साहब ने चलाया और 570 ई० मे हुआ और 613 ई० से उन्होने ईस्लाम की शुरुआत की तो इसके पहले वो खुद और बाकी के लोग क्या थे मुझे बताइये
जवाब देंहटाएंइस लेख को लिखने वाले दिव्या पुरुष ही कल्किअवतार है
जवाब देंहटाएंसभी लोग जो इनके पक्ष में हो इनकी पूजा शुरू कर दो
इनको तो वो भी ज्ञान है जो इस से पहले ले अवतारो को भी नही था
जय हो आपकी
मेरा सभी मुसलमानो से अनुरोध है की चलो मान लेते है इस्लाम मानवता का प्रतीक है ओर सबसे पुराना है जो कि नहीं है फिर भी कुछ देर लिए मानते है इस्लाम बहुत अच्छा है,लेकिन क्या कोई भी मुसलमान सच्चे दिल से बोल सकता है कि मक्का मदीना एक हिन्दू मंदिर था ओर वहाँ आज की तारीख़ में कोई भी हिन्दू संस्कृति के सबूत नहीं है या है ,तो मैं 18 -20 करोड़ ब्रह्मणो के साथ इस्लाम क़बूल कर लूँगा वो भी ख़ुशी से✅✅✅लेकिन इसका सबूत देने तकलीफ़ होगी क्योंकि उस दिन 80% मुसलमान इस्लाम छोड़ चुके होंगें....
जवाब देंहटाएंमेरा सभी मुसलमानो से अनुरोध है की चलो मान लेते है इस्लाम मानवता का प्रतीक है ओर सबसे पुराना है जो कि नहीं है फिर भी कुछ देर लिए मानते है इस्लाम बहुत अच्छा है,लेकिन क्या कोई भी मुसलमान सच्चे दिल से बोल सकता है कि मक्का मदीना एक हिन्दू मंदिर था ओर वहाँ आज की तारीख़ में कोई भी हिन्दू संस्कृति के सबूत नहीं है या है ,तो मैं 18 -20 करोड़ ब्रह्मणो के साथ इस्लाम क़बूल कर लूँगा वो भी ख़ुशी से✅✅✅लेकिन इसका सबूत देने तकलीफ़ होगी क्योंकि उस दिन 80% मुसलमान इस्लाम छोड़ चुके होंगें....
जवाब देंहटाएंDharm muslim ne isliye bata kyunki inka aapas me hi nikah ho jata h khala bua ki ladki se shadi kar lete h
जवाब देंहटाएंHindu hokar bhi muslim kyo bane
जवाब देंहटाएंJab ye such hai to kyou hindu muslim ak dusre ke dusmaan ban rahe hau
जवाब देंहटाएंLikhne wala to bahut bada
जवाब देंहटाएंgadha h aur usko jawab dene wale bhi galati kar rahe h....
Hindu draram AGR itta saccha h to ye btao......haram ka kyu kamate ho......byaj kyu khate ho kisi ki majburi ka zyada paisa kyu lete ho......sharab kyu pite ho......2no k kaam kyu krte ho....33 Croce bhagwan h to 1 ki bhi kabar kyu nhi h ....kha h ye sab ....ye sirf Hindustan me hi kyu aaye America Russia me kyu nhi aaye..... Bhagwan kya pehnte the..... Bhai Arab ko chodo baki dunia me to to nhi roka tha Mohammed sahab ne hindu dhrm ko......wha pe kyu nhi ho tm log.....itihass gawah h tm ek desh ko nhi bacha PAYE....usse bhi chota krr dia Pakistan Afghanistan.. Bangladesh...ye ek kadwa sach h....kafir ka iman nhi hota ....aajtak koi hindu bhai ESA nhi mila jisne ye kh dia ho k bhawan sach me h....sale sabhi yhi khenge are sab ek h yrr....koi bhagwan nhi hota....beta tmhra iman bhot kamzor h samjhe...bacche ho....musibat aane PR ya apna kaam tym pe na hone per tm apna bhagwan badal lete ho ..isse badi baat aur kya hogi...aur to aur 50%hindu bhai apne bhagano ko hi gali bakte hai.. Aur mante bhi nhi h......tmhe ilm nhi h imaan ka wrna muglon ki aukat na thi wo Hindustan ki zameen pe paun rkh pate.....tm sirf agrezo k ghulam ho ....jese apni pehne ko nange kapde pehnana .....khule aam sharab aur kotho k adde chalana.....kamai ho kese bhi haram ho ya halaal....khuda ki ek na sunaa aur scientist ne Jo kh dia wo pattar ki lakeer samjhna........beta bhot kamzor h socho is baat ko zra acche se
जवाब देंहटाएंAre Bhai kaha se ye bskwas baatey Sunni aur likhi h
जवाब देंहटाएंMere kuch sawal h unka and do pahle
Kya vedo me bhagwan ko nirakar bTaya gya h toh murti Pooja kyu karte h
Yahi baat mohammat sahab ne kahi h Allah ka koi aakar nahi h wo nirakar h Jo vedo me likha h iska mtlb k Hindu dharam apne vedo se ab alag chal rha h
Ek sawaal aur k tumhe pta h Shiv ling kya h nahi pta toh mai bta deta hu
Shiv ling bhagwan Shiv ka private part h aur Jo Shiv ling k Charo oor Jo akriti Bani hoti h wo parwati ji ki yauni toh bhagwan k private part ki khuli numais karoge toh kya bhagwan khus ho jayenge agar tumhare kapde uttar diye jaaye toh tumko dunia k samne aane ki himmat bhi nahi hogi but Bhawan k kapde tumhe aese hi uttar diye kya bhagwan Shiv ne kaha tha k mere ling ki Pooja karo use hath lagao mujhe Anand milta h parwati ji ki yauni aur mre ling ka sambhog ki awasta ka chitr banao use saari dunia ko dikhao yaar tum apni wife k sath kisi k samne sex kar sakte ho agar Shiv ji ko mante ho to karna chahiye jab bhagwan Shiv Puri dunia k samne aesa kar sakte h toh bhakt bhi kar sakte h
Bhakti ko kyu saram aati h kyuki bhagwan aesa nahi kar sAkte khud soch k dekho yaar ye sahi Shiv ji ka ling parwati ji yauni khule aam kya ye sahi h tum decide karo
Aur ye saari baare hawa me nahi kahi Maine kisi bhi pandit Brahman se ya Google me search kar lo sahi hi milengi mere saari bate
Aur awyaleek ji meri baat ka jawab jaroor dena
Dhanyabaad
ईस्लाम धर्म इंसानियत और प्रेम का प्रतिक हैं ! जिसे आप आंतकवाद बोल रहे उसे हमरा इस्लाम भी नहीं कबुल करता फिर आप केसे कह सकते हैं की इस्लाम दुनिया का सिरदर्द बननेवाला धर्म हैं !
जवाब देंहटाएंईस्लाम धर्म इंसानियत और प्रेम का प्रतिक हैं ! जिसे आप आंतकवाद बोल रहे उसे हमरा इस्लाम भी नहीं कबुल करता फिर आप केसे कह सकते हैं की इस्लाम दुनिया का सिरदर्द बननेवाला धर्म हैं !
जवाब देंहटाएंश्री मान जी आप का लेख बहुत अच्छा व ज्ञानवर्धक है । मुझे ईद ,सबे रात और रमजान क़ी जानकारी चाहिये क्या मुहमद साहब ने अपनी बैटी के साथ विवाह किया था।
जवाब देंहटाएंश्री मान जी आप का लेख बहुत अच्छा व ज्ञानवर्धक है । मुझे ईद ,सबे रात और रमजान क़ी जानकारी चाहिये क्या मुहमद साहब ने अपनी बैटी के साथ विवाह किया था।
जवाब देंहटाएंAger mhombad yahudi thy to yahudi j to maanty nhi ki ve gulam hai ha hindu gulam hai or j brahum bherav k putar hai gulamo ko aa kaver nasib nhi gulamo ka koi sucha ithas bhi nhi mha kaali hi devi hazira hai j baat mujhe maa kaali ne khe jb mein maa se pucha ki maa tum kha se aye brahm bherav mkka hai itna kafi hoga apne asliyat btany k liye kyo k bhram bherav hi drane walla pagumvar hai jb bherav aata hai to insano k dil jor se dudkany lgta hai un ko tbi bhy rab kha jata hai yhudio k pass koi nishaniya nhi hai mger hindu k pass mata aur pita dono hai
जवाब देंहटाएंMr. admin
जवाब देंहटाएंabe kutte musalmano ki najayaz aulad agar tu sach me ek baap ki aulad hai to is post ko facebook par share kar waha tujhe btaunga k tera shodh kitnaa sahi h teri har baat ka jawab milega insha allah aur sun maine tere devi devtao ki sachchayi bhi bataunga k wo kaise the tune to yha jhooti batein share kri h main tere devi devtao ki sari bate sach share krunga aur agar koi koimeri un bato ko jhoot sabit krde to main ek baap ki aulad nh
जवाब देंहटाएंmera ph. no. 09045417411 aur email id - zeeshanaalam15@gmail.com kbhi bhi contect kale apne dharm ki jankari k liye
फिजूल की बाते बंद करो अपने देस के बारे में सोचो हिन्दू मुस्लिम येकियालगा कर रखा हे सभी अपनेअपने धर्म को मानते रहो किसी दुसरे धर्म की आलोचना करना अपने धर्म को गिराना हे
जवाब देंहटाएंDharm ka arch hota hi ki logo ko aaps me jode kr unme aapsi prem aur Bhai chara laya jaye naki apni baat manwane ke liye logo ko kata Mara jaye agr Islam itna hi pavitr hi to kyu logo ko marker katle krke Islam kubul krwaya gaya kuch nhi bs kuch logo ne apni prashidhi ke liye alag alag dhram bna diye taki loge aaps me lade example ke taur pr jb hm college jaate hi to hm sbhi loge apne apne vichaar ke anusar apne dost chunte hi is tarah hamare CLG me hi ladki ke kai group bn jaate hi aur hr group apne ko prabhavi batane ki kosis krta hi usi tarah is sansaar me jb insaan aaye to unhone bhi apna alag alag group banaya (dhram) aur usse judne wale apne ko sresth batane lage sanatn dhrm to manav utpatati ke saath aaya hi aur pehla manav nirmit dhram baudh dhram Jo ki 5000 saal purana ek Hindu ne ki aur ab yahudi Jo 4000 saal purana hi aur yah bhi kaha Java hi ki in a dharmik granth bhi aasman se aaya hi phir isai Jo ko 2000 saale purana hi and Islam Jo 1400 saale purana hi unka grnth bhi a man se gaya hi to kya mai samjhu ki iswar ki saajis hi ki alag alag niyamo ki kitab sabko panda kr logo ko ldwa raha hi AGR nhi to phir ishwar bhi ek nhi hi kyuki AGR ishwar ek ho ta to alag alag kitab panda kr hme ladwata nhi ye kaisa charm hi jiske karn muslimo ne yahudio ko Mara isaio ke saath ladai ki keval apna dhrm mnwane ke liye Hindu ka ktleaam kia ye koi dhrm nhi ye legal insaani soach hi apni baat dusaro pe thopne ke liye charm wahi hi Jo sabhi ko Raman samjhe jise love khud apne mn se apnaye naki Jo jabar dasti se
जवाब देंहटाएंMere man me ek baat h vo ye ki koi dharm dharm nhi maine quran padi h sabko bata du ki quran ko bhi ghadi dar ghadi khalifao ne badla islam ke pravartko yhi aap pad lo ki pravartak means badlav walo ne use badla kha ki pagamber k baad ab raah kon dikhayega khi musalmaan bat ya bhatak na jaye yhi inse phli bhul hui kyunki inhone wakt k sath badalna sikhna galat chun lye ye but pratha k naam pr atank pratha k unnayak ho gye inse pucho pagamber nuh ne jo sabse phle or mahan pagamber hue unhe allah ka adesh hua ki aap mujh pr imaan laye h or apko adesh h ki aap sabko bataye ki allah ek h use h mano or baad me adesh hua ki jo mujh pr imaan laye h apke dwara ya phle se unke lye aap ek ship naav banaye jise main ek parvat mount jubi pr pahuchaya jayga jahan se aap punah nya jiwan ki shuruaat krenge thik vaise jaise hindu me kha gya h ki manu ko ishwar jo palan kr rha h ham sabka palanhaar h anek rupo me akar hamari raksha karta h ne kha ki ab paap bhut bad gya h or manu tum ek naav banayo jisme pratyek dharm palan karta ko baithao hm tumhe mount sumeru me bhjenge jahan tum nye jiwan ka shuruat kro or baki jo papi h jo ishwar ko nhi mante h unhe is sailaab me baad me bh jana or is tarah shanti kayam hogi or fir ishwar ko mana jayega to antar nhi h antar h to bolne ka soch ka mera sawal jhut or brhmit mat krna na koi hindu na hi musalmaan khaskar muslimo se vinti yadi sach me apne alaah jo ki bada hi dayalu h bakshanhaar h pe tum imaan laye ho to batao ki kya alaah ne ye kha pagamber
जवाब देंहटाएंDear sir,
जवाब देंहटाएंAll people knows that every religion has its founder except to Sanatan dharma clearly state every thing
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
जवाब देंहटाएंहो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
पत्थरों,
पेड़ों ,
जानवरों,
सांप
बिच्छु
यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
शराब पीते थे..
जुआ खेलते थे..
औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने
को मजबूर किया जाता था.
लेकिन फिर इश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरबमें एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें
सिखाया के..
इश्वर एक है
3 या 300
या 33 करोड़ नहीं
सारे इन्सान बराबर है और
इन्सान अपने कर्म सेबड़ा बनता है
जन्म से नहीं.
बेटियों को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से
पालो पोसो.
झूठ मत बोलो,
शराब मत पियो,
चोरी मत करो.
अपना शरीर ढँक कर रखो
सांप
बिछु
बन्दर
गाय
ये सब जानवर हैं
इनकी नहीं
इनको बनाने वाले की पूजा करो..
अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
किसी को परेशान मत करो...
और भी लाखों बातें हैं ..
अब आप खुद फैसला लो,
चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
वो सही वक़्त पर
इस्लाम क्यों नहीं लाये...
इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के
धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़
रहा है.
अभी भी मौका है
खुले दिमाग से सोचो
या फिर गुलाम बने रहो
अपने बाप दादा के अंधविश्वासों
और मनोहर कहानियों के...
आप सच से कितना भी भाग लो
लेकिन yaad रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से
अँधेरा नहीं होता,
इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं
है..
भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और
हमारी आँखें खोली.. अल्लाह का लाख लाख शुक्र है की हम मुसलमान
है।
Muje raj.ke muslim samajka co.no.dijiye just
जवाब देंहटाएंईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है
जवाब देंहटाएंSabse pahle tumhe yeh bata du ki na to hindu dharam h or na muslim dharam h hind me rahne wale aadmi ko hindu kaha jane laga darasal sanatan dharam h hindu dharam nahi h. Muslman ka matlab h jo apne eeman ka pakka ho jo sirf allah me yakin rakhta ho islam dharm h.
जवाब देंहटाएंसनातन धर्म की जय हो ..................
जवाब देंहटाएंसभी मुस्लिम समुदाय कुछ एेसा ऐतिहासिक तथ्य दे जिससे वे अपने बात को सिद्ध करे ।केवल कपोल कल्पित बात न करें।अन्य सभी ग्रंथों की बात से अपनी उत्पत्ति सिद्ध करे कि वे हिन्दू धर्म से उत्पन्न नहीं है?open challenge.......
येही सच है ...मान जाओ ...वारना झुट से जब पर्दा हटेगा तब सारी दुनिया तुम्हरी इस्लाम पे हाँसेगि.
जवाब देंहटाएंजय श्री राम
जवाब देंहटाएंVery Nice Information..........Ram Krishna Hari.
जवाब देंहटाएंagr kisi v muslim bhaiyo ko iss blog se koi dikkt h to jaakr ईरानी लेखक mr. अली सिन्हा ka blog pd skte h .
जवाब देंहटाएंjisne pure musalmano ko chlange kiya h .
Abe jhaatu log.. aaj islam hai isliye tumlog ho nhi to kab ke khatm ho jaate. Chodu apne shiv ke lund ko apni bibi ke bur me daal do phir usko chuso. Madharchod ke aulaado. Saale besharm apne behen betiyon ko khula chor dete ho chudane ke liye. Apni parwati ka bur chaato
जवाब देंहटाएंHmm,
जवाब देंहटाएंkn tha kn ni tha chodo yr god ki baat he to god ke uper hichodo
जवाब देंहटाएंsorry bhaiyo .mene bhut dino bad ye sab read kiya h .malum tha ki eslam koi dharm nhi h .ye sb kbila h .pr etna bhi nhi malum tha.jitna mujhe ye read keke pta chla .
जवाब देंहटाएंok
जवाब देंहटाएंmahadev
जवाब देंहटाएंIslam bkwas hai..iska matlab hai gandagi failao... Musalman aadmi ke pas. Jakar baat karna apko negative energy feel hogi... Muh se badboo aayegi... Chii
जवाब देंहटाएंDuniya janti hai islam ka itihas 1500 purana hai.... Jisme ladai hinsa....aurto ko dasi bnana..aur loot..ke alawa kuchh nhi hai....
जवाब देंहटाएंJisme insaniyat nhi hai wo musalman hai..
Paigambar muhammad aakhri paiga.ber tha....hahaha
Abe wo pehla tha usse pehle aisi ghatia soch rakhne wala aur koi nhi tha... Uski ghatia soch ka natija aaj puri duniya ko jhelna pad rha hai..
पूरी दुनिया में आप ने देखा होगा। की मुसलमानो पर कितना जुल्म हो रहा। उसका माकन दुकान जलाई जा रही हे लूटी जा रही। मुसलमानो को जान से मारा जा रहा। पूरी दुनिया के लोग बाम। गेस बाम। रासायनिक हथियारों से हमले हो रहे। पूरी की पूरी बस्तियों को जलया जा रहा। तो आप लोग ये सब देख रहे होंगे। अब आते हे सही बात पर। इतना जुल्म के बाद भी मुसलमान अपना मजहब नहीं बदल रहा। मजहब में कुछ तो सच्ची बात होगी। की इतने जूम के बाद भी वो खुदा का शुक्र कर रहा। आप सभी भइयो से गुजारिश। ७ दिन किसी मुसलमान से दोस्ती तो कर के देखे। इस्लाम की ७ दिन जानकारी तो लेकर देखे। मेरा दावा हे। की मुसलमानो से नफरत भूल जाओगे।
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