awyaleek
बुधवार, 21 अगस्त 2019
विनाश की ओर अग्रसर विकास
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बचपन की बात है | मेरे गाँव का एक व्यक्ति दिल्ली घूम कर आया था | उसने बताया कि दिल्ली में पीने के लिए पानी की बोतलें बिकती हैं , और तो ...
मंगलवार, 6 जनवरी 2015
जब पूरा विश्व दीवाना था भारतीय कपड़ों का.....
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क्या आपको पता है कि अठारहवीं शताब्दी तक जब तक कि यूरोप में औद्योगिक क्रांति नहीं आई थी तब तक यूरोप, अरब, चीन सहित पूरे विश्व को कपडे हम भ...
2 टिप्पणियां:
सोमवार, 5 जनवरी 2015
मूर्ति-पूजा अगर अंधविश्वास है तो ये अंधविश्वास भी बहुत जरूरी है
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सिर्फ मूर्ति-पूजा के कारण ही भारत में कई कलाओं का विकास हुआ है.मूर्ति-पूजा के कारण ही शिल्पकारी की कला का विकास हुआ,उसके बाद मूर्ति को स्थ...
1 टिप्पणी:
रविवार, 28 दिसंबर 2014
मूर्ति-पूजा क्यों?
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हिन्दू-विरोधी प्रश्न करते हैं कि भगवान तो अनंत हैं जिसका न आदि है ना अंत तो फिर उसे एक निश्चित आकार में बांधकर मूर्ति-पूजा क्यों ? उत्त...
1 टिप्पणी:
शनिवार, 12 फ़रवरी 2011
अपने किसी भी कुरीतियों के लिए भारतीयों को शर्म नहीं गर्व होनी चाहिए......
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हमारी सभी कुरीतियाँ या कुप्रथाएँ हमारी महान सभ्यता-संस्कृति के प्रमाण हैं। पिछले लेख में मैंने बताया था कि किस तरह से हमारी नारियों द्वारा प...
6 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011
सती-प्रथा जैसी कुरीतियाँ हम भारतियों के लिए शर्म की नहीं बल्कि गर्व की बात है.....
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भारतियों की सती-प्रथा,जाति-प्रथा,मूर्ति-पूजा,छूआछूत,ज्योतिष,तंत्र-मंत्र,रीति-रिवाज आदि परम्पराएँ; जिसे कुरीति,मूर्खता या अंधविश्वास बताकर ...
11 टिप्पणियां:
बुधवार, 12 जनवरी 2011
अंग्रेजों के लिए जो है उनकी लाचारी और विवशता वही हमारे लिए है शान-ओ-शोकतता
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ये बात हास्यास्पद है पर अत्यंत दुःखद कि जो चीज अंग्रेजों की लाचारी है उसे हम अपनी शान बना लेते हैं।इसके उदाहरण तो अनगिनत हैं पर मैं कुछ उद...
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